Rajasthan

20 Percent Posts Will Remain Vacant Without Joining – बिना जॉइनिंग खाली रहेंगे 20 फीसदी पद

परीक्षा के बाद भी रिक्त रह जाती हैं सीटें

जयपुर, 16 जुलाई
राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा (Rajasthan Public Service Commission Service) ने आरएएस भर्ती परीक्षा 2016 (RAS Recruitment Exam 2016) में 725 पदों के लिए भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया। प्रक्रिया समाप्त होने के बाद भी तकरीबन सवा दो सौ पद रिक्त रह गए। जबकि परीक्षा के लिए कुल 4 लाख 8 हजार 660 अभ्यार्थियों ने आवेदन किए। इसी प्रकार आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा (RAS Recruitment Exam 2018) का आयोजन 1017 पदों के लिए किया गया। इसके लिए आयोग के पास 5 लाख 1 हजार आवेदन आए। परीक्षा का परिणाम जारी किया जा चुका है लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी तकरीबन 20 फीसदी पद रिक्त ही रह जाएंगे।
हर साल पद रह जाते हैं रिक्त
आरएएस भर्ती परीक्षा (RAS Recruitment Exam) में इसी प्रकार लाखों की संख्या में अभ्यार्थी शामिल होते हैं , इनमें वह अभ्यार्थी भी शामिल हैं जो पहले से ही किसी अच्छी सरकारी सेवा में चयनित हो चुके होते हैं जैसे आरपीएस, अकाउंट्स, तहसीलदार व अन्य सेवा आदि लेकिन बेहतर पद प्राप्त करने के लिए वह फिर से यह परीक्षा दे रहे होते हैं। ऐसे में प्राथमिकता के अनुसार यदि टॉप के आरएएस, आरपीएस को छोड़ दें तो अधिकतर लोग कयास नहीं लगा पाते कि उन्हें कौनसा पद मिलेगा। ऐेस में पूर्व में चयनित और अन्य बेहतर सेवाओं में कार्यरत अभ्यर्थी सलेक्शन के बाद मेडिकल परीक्षण में उपस्थित हो जाते हैं और सेवा की अंतिम नियुक्ति सूची में उनका नाम भी आ जाता है लेकिन वह जॉइन नहीं करते। इन अभ्यार्थियों के जॉइन न करने से वह पद व्यर्थ ही चला जाता है, उसकी जगह कोई और भी नहीं आ पाता। वह पद भी अगले वर्ष पुन: विज्ञाप्ति करना पड़ता है।
कम रैंक वाले अभ्यार्थियों को होता है नुकसान
इसका खामियाजा उन छात्रों को भुगतना पड़ता है जो रैंक में कुछ पीछे रह जाते हैं। ऐसे में अब अभ्यार्थी मांग कर रहे हैं जो यदि पद रिक्त रहते हैं तो इन पर उन अभ्यार्थियों को नियुक्ति दी जाए जो रैंक में कुछ पीछे रह गए हैं। जिससे पद व्यर्थ होने से बच जाएगा और इसका सीधा लाभ अन्य अभ्यर्थियों को भी होगा। साथ ही पद पुन: विज्ञाप्ति भी नहीं करना होगा। अभ्यार्थी यह भी मांग कर रहे हैं कि ऐसी व्यवस्था की जाए जिससे पहले पता चल सके कि किस पद पर अभ्यर्थी को नियुक्ति मिलने वाली है ताकि वह निर्णय ले सके जॉइन करना है या नहीं।
कमेटी ने दिया था सुझाव
रोजगार संघर्ष समिति के अध्यक्ष नितिन शेखावत का कहना है कि एमएल कुमावत कमेटी में भी यह सुझाव सरकार को दिया गया है कि आरक्षित सूची से भी नाम भेजे जाएं। वहीं अभ्यार्थियों की भी मांग है कि आरएएस 2018 भर्ती परीक्षा में भी इसे लागू किया जाए। या एक अस्थायी अलॉटमेंट लिस्ट ऑनलाइन जारी की जाए जिसमें सभी सफल अभ्यार्थियों से जॉइनिंग को लेकर उनकी सहमति ली जाए, जो अभ्यार्थी सहमति नहीं देते हुए उनके स्थान पर अन्य अभ्यार्थी को मौका दिया जाए जिससे अभ्यार्थी की मेहनत सफल होगी, उसे रोजगार मिलेगा और पद भी व्यर्थ नहीं होगा।

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