Loksabha Election 2024:अब एक ही सवाल….क्या भाजपा में शामिल होने वालों को मिलेगा टिकट? | Now only one question…will those who join BJP get tickets?

भाजपा की पहली सूची दो मार्च को जारी हुई। इसमें कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए दो नेता ज्योति मिर्धा को नागौर से महेन्द्र जीत सिंह मालवीया को बांसवाड़ा से भाजपा ने मैदान में उतार दिया था। हालांकि मिर्धा को तो विधानसभा चुनाव में भी नागौर सीट से मौका मिला था, लेकिन वे हार गई थीं। इन्हें अब लोकसभा का भी टिकट दिया गया है। मिर्धा व मालवीया को भाजपा से टिकट मिलने के बाद से कांग्रेस में उथल-पुथल और तेज हो गई। भाजपा की “नाव” में बैठकर लोकसभा चुनाव की “वैतरणी” पार करने पर आमादा नेताओं की बाढ सी आ गई है। चर्चाओं की बात करें तो ज्योति खंडलेवाल भी जयपुर शहर से उम्मीद लगाए हुए है। ये पूर्व महापौर रही हैं। विधानसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हो गई थी। हालांकि इन्हें विधानसभा चुनाव में मौका नहीं मिल पाया था। खंडेलवाल ने पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट से जयपुर शहर से लड़ा था। ऐसे में चर्चा है कि इन्हें भाजपा मौका दे सकती है। इधर जयपुर ग्रामीण की बात करें तो पूर्व सांसद व केन्द्रीय मंत्री लालचंद कटारिया का नाम भाजपा से टिकट मिलने वालों की चर्चा में आ गया है। वहीं कुछ राजनीतिक पंडित कहते हैं कि कटारिया को टिकट नहीं चाहिए। उन्हें तो जांच एजेंसियों की कार्रवाई से राहत चाहिए।
एक नाम खिलाड़ीलाल बैरवा का सामने आ रहा है। ये वर्ष 2009 में सांसद रहे हैं। बसेडी से भी पूर्व विधायक रहे हैं। इनका आरोप था कि विधानसभा चुनाव में उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वजह से टिकट नहीं मिला। इसलिए भाजपा में शामिल हो गए। इनका नाम अब करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से चल पड़ा है। इधर पिछले लोकसभा चुनाव में अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लडऩे वाले रिजु झुंझुंनलवाला भी भाजपा में शामिल हो गए। इधर इनके भी भीलवाड़ा से चुनाव लडऩे की चर्चाओं का बाजार गर्म है।
कांग्रेस में मची भगदड़ से इनके आलाकमान भी चिंतित हैं। आखिर ये हो क्या रहा है? जिन्हें टिकट दे रहे थे, वे भी दामन छोड़ रहे हैं। ऐसे में अब कांग्रेस व भाजपा दोनों पार्टियों की सोमवार को होने वाली केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में टिकटों के पैनल पर अब नए सिरे से चर्चा होगी। अब देखना यही होगा कि कांग्रेस से भाजपा का दामन थामने वालों में से कितनों को लोकसभा चुनाव में “टिकट का इनाम” मिल पाता है।