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30 से ज्यादा फिल्में जब हुईं डिब्बाबंद, ‘मासूम’ एक्टर को कहा जाने लगा था ‘बदकिस्मत’, रो पड़ते थे जुगल हंसराज

मुंबई. प्यारी-सी आंखें, दिलकश मुस्कान और मासूम चेहरा… कुछ ऐसे ही थे शेखर कपूर के चाइल्ड आर्टिस्ट जुगल हंसराज (Jugal Hansraj). शेखर की फिल्म ‘मासूम’ (Masoom) में वे चाइल्ड एक्टर के तौर पर नजर आए थे. इस फिल्म में उन्हें इतना पसंद किया गया था कि हर कोई उनके बारे में ही बात करने लगा था. शबाना आजमी और नसीरुद्दीन शाह की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में जुगल ने भी खूब सुर्खियां बटोरी थीं. बाल कलाकार के तौर पर इतनी फेम मिलने के बाद जब युवावस्था में जुगल ने मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा तो उनके साथ ही दूसरे लोगों को भी उनसे काफी उम्मीदें थीं. लग रहा था कि वे इंडस्ट्री के नए सुपरस्टार बन जाएंगे क्योंकि हीरो वाले सभी गुण थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. यहां तक कि उन्हें ‘अनलकी’ का टैग भी मिला. हाल ही एक इंटरव्यू में जुगल ने अपने निराशा भरे दिनों को लेकर बातचीत की.

शेखर कपूर की फिल्म ‘मासूम’ 1983 में रिलीज हुई थी और इसके जरिए जुगल हंसराज ने अलग पहचान बनाई थी. इसके बाद वे ‘कर्मा’ और ‘सल्तनत’ जैसी फिल्मों में नजर आए. वहीं, एक्टर के तौर पर उन्होंने साल 1994 में ‘आ गले लग जा’ से शुरुआत की थी. इसके बाद वे 1996 में ‘पापा कहते हैं’, 2000 में ‘मोहब्बतें’, 2001 में ‘कभी खुशी कभी गम’, 2005 में सलाम नमस्ते, 2007 में ‘आजा नचले’ और 2016 में ‘कहानी 2’ कीं.

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(jugal hansraj/instagram)

जब मेरी फिल्में शुरू ही नहीं हुईं…
जुगल हंसराज ने हाल ही टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया, ‘मैं इस बात से इनकार नहीं कर सकता था कि वह बहुत ही कठिन समय था. जब मेरी फिल्में नहीं चल रही थीं तो यह इससे डील करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था. मैंने ना सिर्फ अपनी आलोचनाएं सुनीं बल्कि पर्सनली भी मुझ पर कई बार अटैक किया गया. मुझे कई नाम दिए गए, यहां तक कि मुझे ‘बदकिस्मत’ भी कहा गया. यहां तक कि जिन फिल्मों में काम करने वाला था वह शुरू ही नहीं हुईं और लोगों को बातें बनाने का और मौका मिल गया. जब मैं दूसरी फिल्मों के मुहूर्त पर जाता था तो लोग कहने लगे थे, ‘अब वह समय आ गया है जब जुगल खुद अपनी ही फिल्मों के मुहूर्त पर जाएगा. मैं तब 18-19 साल का था और ये बातें सुनकर मेरी आंखें भर आती थी. समय के साथ मैंने इन सब निराशा भरी बातों से डील करना सीखा.’

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बदल जाते हैं लोग
जुगल ने आगे बताया, ‘मैं फिल्में साइन करता था और फिल्म शुरू ही होने वाली होती थी कि मेरे पास कॉल आता था कि फिल्म अब नहीं बन रही. जब मैं बस इतना कह पाता था ‘थैंक यू’. मैं सुन्न रह जाता था, समझ नहीं आता था क्या कहूं? जब आप मेहनत करें और आपके सामने चुनौतियां हो तो यह बहुत मुश्किल हो जाता है. खासतौर पर जब पर्सनल लाइफ पर अनावश्यक कमेंट्स किए जाएं. इंडस्ट्री में काम करना बहुत टफ है और कई बार लोग बहुत बुरा बर्ताव करते हैं. लेकिन यह यहां कि सच्चाई है और इसे समझना होगा. यहां तक जो लोग आपके सामने अच्छे हैं, वे फिल्म की सफलता और विफलता से बदल जाते हैं.’ बता दें कि एक समय ऐसा भी आया था जब जुगल की 30 से 40 फिल्में बंद हो गई थीं.

Tags: Entertainment Special, Naseeruddin Shah, Shabana Azmi, Shekhar Kapoor

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