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डॉलर छापने विदेश गए थे 440 भारतीय, कर डाली ऐसी भूल, सड़क पर आ गया पूरा परिवार

Last Updated:December 01, 2025, 09:43 IST

New Zealand News: न्यूजीलैंड में 459 भारतीय ट्रक ड्राइवरों के फर्जी दस्तावेजों के कारण उनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं.इससे उनके परिवार आर्थिक संकट में हैं. ड्राइवरों का कहना है कि उन्होंने यूएई से मिले जाली लेटर का इस्तेमाल किया था और अब वे समाधान की मांग कर रहे हैं. डॉलर छापने विदेश गए थे 440 भारतीय, कर डाली ऐसी भूल, सड़क पर आ गया पूरा परिवारन्यूजीलैंड में 459 भारतीय ट्रक ड्राइवरों के फर्जी लाइसेंस रद्द

New Zealand News: भारत के लिए चिंताजनक खबर सामने आई है. न्यूजीलैंड में फर्जी लाइसेंस मामलों में 459 भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवरों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. देशभर में भारी वाहनों के लाइसेंस बदलने में मिली गलतियों के बाद न्यूजीलैंड ट्रांसपोर्ट एजेंसी (NZTA) ने कड़ा कदम उठाया. इसके चलते कई परिवार आर्थिक संकट में फंस गए हैं और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं.

इन ड्राइवरों का कहना है कि वे यूएई से मिले संदिग्ध दस्तावेजों के जाल में फंस गए. NZTA के ऑडिट में यह पाया गया कि विदेशी लाइसेंस को न्यूजीलैंड के लाइसेंस में बदलने की प्रक्रिया में धोखाधड़ी हुई है. पहले 440 लाइसेंस रद्द हुए थे, अब यह संख्या बढ़कर 459 हो गई है. ये सभी रद्दीकरण ‘झूठे या बदले हुए दस्तावेजों’ के कारण हुए हैं.

सभी विदेशी ड्राइवर भारत से

एक रिपोर्ट के अनुसार, पता चला कि रद्द किए गए सभी विदेशी ड्राइवर भारत से हैं. इनमें से 436 मामलों में यूएई से जारी दस्तावेज जुड़े हैं, 18 ऑस्ट्रेलिया से और पांच कनाडा से. इनमें से कोई भी मामला सीधे भारतीय लाइसेंस के इस्तेमाल से नहीं जुड़ा है, क्योंकि भारत जैसे गैर-छूट वाले देशों के लिए NZTA के नियमों के तहत पूरी तरह से टेस्टिंग जरूरी है.

पहले न्यूजीलैंड में हजारों भारतीय ड्राइवरों ने ऑनलाइन 27-54 हजार रुपये देकर जाली ‘सपोर्ट लेटर’ खरीदे. ये लेटर दिखाकर उन्होंने आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस और वीजा ले लिया. सरकार पहले इन्हें मान लेती थी, इसलिए सबका काम चल जाता था. लेकिन अब ऐसे जाली लेटर बिल्कुल अवैध मान लिए गए हैं. अब इन लेटर्स से मिला लाइसेंस और वीजा रद्द हो रहा है. यानी वो पुराना आसान रास्ता अब हमेशा के लिए बंद हो गया.

ड्राइवरों ने समाधान की मांग की

इनमें ज्यादातर ड्राइवर 30–35 साल के हैं और उन्होंने थ्योरी और प्रैक्टिकल टेस्ट पास किया है. इसके अलावा, सांसद परमजीत परमार ने ट्रांसपोर्ट मंत्री साइमोन ब्राउन को पत्र लिखकर कहा कि ये मेहनती प्रवासी हैं जिन्होंने न्यूजीलैंड के ट्रकिंग सेक्टर में ड्राइवरों की कमी पूरी की. सभी ड्राइवरों ने समाधान की मांग की ताकि उनके परिवारों को मदद मिल सके.

ऑकलैंड के ताकानिनी गुरुद्वारे में 22 नवंबर को भारतीय ट्रक ड्राइवर और उनके परिवार इकट्ठा हुए और न्याय की मांग की. इस दिन अमृतपाल सिंह ने कहा कि NZTA ने हमारी आमदनी छीन ली है और अब हम अपने बच्चों को कैसे पालेंगे? वहीं परमिंदर सिंह ने बताया कि वे अपने घर का किराया भी नहीं दे पा रहे. इस मुद्दे पर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी.

लंबे समय से ट्रक चलाने वालों की कमी

नवजोत सिद्धू और रंजीत सिंह ने बताया कि पहले दुबई से आए दस्तावेज मान्य होते थे, जिससे ड्राइवरों की भर्ती आसान थी लेकिन अब मुश्किलें बढ़ गई हैं. न्यूजीलैंड में ट्रक चलाने वालों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. 2022 में 3,449 ड्राइवरों की कमी थी. इस सेक्टर में भारतीय प्रवासियों की भूमिका बढ़ गई है. 2025 की रिपोर्ट बताती है कि एशियाई ड्राइवर, जिनमें ज्यादातर भारतीय हैं अब ट्रकिंग इंडस्ट्री के 20% तक हैं.

First Published :

December 01, 2025, 09:43 IST

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