45 thousand teachers and personnel are not getting regular salary | 45 हजार शिक्षकों और कार्मिकों को नहीं मिल पा रहा नियमित वेतन
प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत पीडी पद के तकरीबन 45 हजार शिक्षकों और कार्मिकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। मामला दरअसल यह है कि प्रदेश के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत पीडी मद के शिक्षकों और कार्मिकों के वेतन का बजट ब्लॉक शिक्षा कार्यालय को आवंटित होता है।
जयपुर
Published: June 30, 2022 05:39:54 pm
45 हजार शिक्षकों और कार्मिकों को नहीं मिल पा रहा नियमित वेतन
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं शिक्षक और कार्मिक
पीडी पद के तहत कार्यरत हैं यह शिक्षक और कार्मिक
जयपुर। Rakhi Hajela
प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत पीडी पद के तकरीबन 45 हजार शिक्षकों और कार्मिकों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। मामला दरअसल यह है कि प्रदेश के कई प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत पीडी मद के शिक्षकों और कार्मिकों के वेतन का बजट ब्लॉक शिक्षा कार्यालय को आवंटित होता है। वेतन बिल उनके नियंत्रण अधिकारी यानी पीईईओ की ओर से बनवाकर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भिजवाया जाता है। इसके बाद ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से इन्हें पारित करवाने के बाद पीडी शिक्षकों और कार्मिकों को वेतन मिलता है।
पीडी वेतन बजट डिमांड की प्रक्रिया भी लंबी है। ब्लॉक के सभी पीईईओ अपने पीडी बजट वालों की वेतन राशि की डिमांड सीबीईओ को भेजते हैं। सभी सीबीईओ स्तर पर इसे समेकित कर कुल डिमांड प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को भेजनी होती है। बीकानेर की ओर से सभी सीबीईओ की डिमांड प्रारंभिक शिक्षा विभाग जयपुर को भेजी जाती है। सरकारी स्तर पर वित्त विभाग, प्रारंभिक शिक्षा विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से स्वीकृति के बाद पीडी वेतन की राशि आवंटित हो पाती है।
बजट मांगने और वेतन भुगतान दोनों ही प्रकियाएं जटिल और लंबी होने के कारण पीडी खाते में कार्यरत शिक्षकों और कार्मिकों को वेतन मिलने पर हर माह देरी होती है। इतना ही नहीं शिक्षा विभाग द्वारा दो या तीन माह बाद देरी से बजट आवंटित किए जाने के कारण भी पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान में समस्या आ रही है।
लोन भुगतान में हो रही परेशानी
वेतन देरी से मिलने के कारण उन शिक्षकों को काफी परेशानी आ रही है जिन्होंने बैंक से लोन लिए हुए हैं। समय पर भुगतान नहीं होने से उन सभी शिक्षकों की अपनी घरेलू व्यवस्थाएं और आर्थिक प्रबंधन पर विपरित असर पड़ रहा है। कई शिक्षकों ने अपने वेतन खाते से बैंक लोन ले रखे हैं। लोन किश्त भुगतान की तारीख तक बैंक के खाते में वेतन जमा नहीं होने के कारण बैंक द्वारा पैनल्टी वसूल की जाती है।
पीईईओ को दिया जाए अधिकार
शिक्षकों की इस परेशानी को देखते हुए अब पीडी मद में कार्यरत शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान करवाने, अन्य लेखा मद के समान पीडी खाते की राशि भी पीईईडी यानी आहरण वितरण अधिकरी के लिए ट्रेजरी में सुगम पूल बजट में अलॉट करने और उनके द्वारा ट्रेजरी भेजकर बिल पारित करवाने की व्यवस्था करवाई जाने की मांग जोर पकड़ रही है। राजस्थान प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेंद्र पांडे ने कहा कि शिक्षा विभाग में सर्व शिक्षा अभियान का वेतन आदि बजट शुरू में पीडी खाते के तहत अलॉट किया जाता था। राज्य सरकार द्वारा उसमें बदलाव कर उसे अन्य लेखा मदों के समान वेतन मोड पर आवंटित करना शुरू कर दिया गया है। पांडे ने इसी मांग को लेकर मुख्यमंत्री, प्रमुख शासन सचिव स्कूल शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को भी पत्र लिख है शिक्षकों को राहत देने की मांग की है।

45 हजार शिक्षकों और कार्मिकों को नहीं मिल पा रहा नियमित वेतन
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