इमरजेंसी की 50वीं बरसी, विपक्ष को उचित व्यवहार की नसीहत… 18वीं लोकसभा के पहले दिन आक्रामक दिखे पीएम मोदी
सोमवार को 18वीं लोकसभा की पहली बैठक हो रही है. इस बैठक से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कई अहम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में यह दूसरी बार है जब किसी सरकार को जनता ने लगातार तीसरी बार सेवा का मौका दिया है. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर कड़े प्रहार किए. पीएम ने लोकसभा चुनाव में संविधान पर खतरे को मुद्दा बनाने वाले विपक्ष को इमरजेंसी की याद दिलाई. 25 जून 1975 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार ने इमरजेंसी लगाई थी. उन्होंने कहा कि उस दिन पूरा देश कैदखाने में तब्दील हो गया था. लोकतंत्र की हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि भारत में फिर कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करे जो 50 साल पहले की गई थी.
पीएम ने कहा कि हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेकर आए हैं. देश की जनता ने हमें तीसरी बार मौका दिया है. ये बहुत की महान विजय है. यह बहुत भव्य विजय है. ऐसे में हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ जाता है. इसलिए हम देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि हम पहले से तीन गुना ज्यादा मेहनत करेंगे.
विपक्ष को नसीहतपीएम ने कहा कि माननीय सभी सांसदों से देश को बहुत अपेक्षाएं हैं. मैं उनसे अपील करूंगा कि वे जनहित के मुद्दे उठाएं. पीएम ने आगे कहा कि देश की जनता विपक्ष से अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है. अब तक जो निराशा मिली है… जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखने की अपेक्षा रखती है. हम उम्मीद करते हैं कि विपक्ष उस पर खरा उतरेगा.
18वीं लोकसभा को बेहत शुभ बताते हुए पीएम ने कहा कि गीता के 18 अध्याय है. पुराणों की संख्या भी 18 है. 18 का मूलांक 9 है और 9 पूर्णता का अंक है. हमारे यहां 18 वर्ष की आयु में मतदान का अधिकार देता है. फिर उन्होंने आज 24 जून लोकसभा की पहली बैठक की चर्चा की. उन्होंने कहा कि कल 25 जून है. जो लोग लोकतंत्र और संविधान में भरोसा करते हैं उनके लिए 25 जून कभी न भूलने वाला दिन है. 50 साल पहले 25 जून को ही संविधान पर काले धब्बे लगा दिए गए थे.
शानदार रहा लोकसभा चुनावपीएम ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव शानदार तरीके से हुआ. 65 करोड़ से अधिक जनता ने इस बार मतदान किया. हमारे समर्पण भाव पर जनता ने मोहर लगायी. आजादी के बाद दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा का मौका मिला.
पीएम ने कहा कि इस संसद में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है. सरकार चलाने के लिए बहुमत की जरूरत होती है, जबकि देश चलाने के लिए सहमति की जरूरत होती है. सरकार कोशिश करेगी कि सभी की सहमति से फैसले लिए जाएं और देश हित में काम हो. देश की 18वीं लोकसभा कई मायनों में खास है. देश में 18 वर्ष की उम्र में ही लोगों को मतदान करने का अधिकार मिलता है. देश में वेदों और उपनिषद की संख्या भी 18 ही है. इसका भारतीय संस्कृति में बेहद अहम योगदान है.
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FIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 11:14 IST