51 कैदियों को मिली सलाखों से आजादी
जेल की सलाखों में अपना समय गुजार रहे 51 कैदी अब खुले में सांस ले सकेंगे। इन सभी कैदियों को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रिहा किया। जेल से बाहर निकलते ही अपने परिजनों को खड़ा हुआ देखकर उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक आए। इन कैदियों का कहना था कि सरकार ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर जो तोहफा दिया है वह उसे कभी नहीं भूल पाएंगे। जेल में सजा काट रहे बंदियोें ने बताया कि वह बाहर निकलने के लिए एक एक दिन काट रहे थे। उन्हें खुशी है कि अब वह अपने परिवार के लोगों के साथ समय बिता पाएंगे। हालांकि इसमें कुछ कैदी ऐसे भी है जिन्हें अभी कागजों में ही आजादी मिली है। पूरी प्रक्रिया के बाद ही वह जेल से बाहर आ पाएंगे।
राजस्थान सरकार ने स्वतंत्रता दिवस समारोह पर अच्छे आचरण वाले 51 कैदियों को विशेष माफी देकर जेल से रिहा किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कैदियों को रिहा करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। प्रदेश के गृह विभाग ने इस संबंध में सीएम को प्रस्ताव भेजा था। प्रदेश की अलग-अलग जेलों में सजा काट रहे इन कैदियों में अपने कुल कारावास का दो-तिहाई समय पूरा कर चुके 36 कैदी, आधा कारावास समय पूरा कर चुके 60 साल की उम्र से ज्यादा के पांट व 15 अन्य कैदी शामिल हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कुछ विशेष श्रेणी के कैदियों को ही राहत दी जा सकती है। इन कैदियों में दहेज हत्या, दुष्कर्म, आतंकवाद, मानव तस्करी सहित दूसरे गंभीर अपराधों में शामिल कैदी शामिल नहीं हैं।
यह कैदी हुए जेल से रिहा
जेल से रिहा होने वालों में रामधन, महेन्द्र सिंह, श्यामलाल, गोपीराम, बनवारी, अतर सिंह, सोनू, चेतनराम, भूरा, प्रकाश उर्फ घिडल्या, सिकन्दर, महेन्द्र उर्फ शिवा, किशोर, लक्ष्मण उर्फ लच्छू, विक्रम सिंह, गोपेश, विष्णु, फरमान, मुकेश कुमार, मोहम्मद जमील, पंकज उर्फ पंकज शर्मा, इस्लाम, इकबाल उर्फ बल्ला, अरसद, अशोक उर्फ मानन, अख्तर उर्फ मुत्तल, सकिया उर्फ सका, अकिल, अजय, विजेन्द्र, लोकेश उर्फ लोगर, शिवराज सिंह, जीतू उर्फ जितेन्द्र, शिवा उर्फ राजू, हंसराज, कन्हैयालाल, महेन्द्र उर्फ महेन्द्रिया, जेठा गमेती, इरफान उर्फ जीरा, कन्हैयालाल उर्फ नोपाराम, रविन्द्र उर्फ बन्ना, धनराज, सम्पत सिंह, मो.सलमान, सिकन्दर, महेन्द्र उर्फ शिवा उर्फ भूत, लक्ष्मण उर्फ लच्छू, गोपेश, मिथुन, प्रवीण उर्फ रिंकू, सोनू उर्फ संतोष हैं।