Entertainment

63 साल पहले बनी वो फिल्म, हॉलीवुड तक पहुंची धमक, कहानी ऐसी कि हर सीन पर निकले लोगों के आंसू

मुंबई. संगीत, एक्शन, रोमांस और भावनाओं से लदी फिल्में अक्सर ही दर्शकों का दिल लूट ले जाती हैं. हिंदी सिनेमा के लिए ये ऐसी रेसिपी है जिसकी ग्रेवी से तरह-तरह की फिल्में पकाई जाती रही हैं. लेकिन चंद फिल्में ऐसी भी होती हैं जो ना केवल अपनी कहानी की दम पर लोगों को रुलाने पर मजबूर कर देती हैं, बल्कि इनकी धमक विदेशी अवॉर्ड्स तक भी खूब पहुंचती है. ऐसी ही फिल्म 1957 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म का नाम था मदर इंडिया. भारत की आजादी को पूरे 10 साल नहीं हुए थे. गरीबी और भुखमरी से जूझते ग्रामीण भारत की दुर्दशा से कोई भी अनजान नहीं था. इसी दौरान में भारत के बुद्धिजीवियों ने देश की जटिल समस्याओं पर फिल्में बनाना शुरू किया. यहीं से शुरू हुआ बॉलीवुड का स्वर्णिम काल. बॉलीवुड के स्वर्णिम काल में एक ऐसी कालजयी फिल्म बनी जिसका जलवा 63 साल बाद भी कम नहीं हुआ. इस फिल्म का नाम था ‘मदर इंडिया’ (Mother India). डायरेक्टर महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ 1957 में रिलीज हुई.

महज 60 लाख रुपये की लागत से बनी थी फिल्म

महज 60 लाख रुपयों के बजट से बनी इस फिल्म ने ना केवल लोगों का दिल जीता बल्कि महिलाओं के शोषण के प्रति लोगों को झकझोर कर रख दिया. भारत की तरफ से इस फिल्म को ऑस्कर भी भेजा गया था. ये फिल्म भारत की तरफ से ऑस्कर अवॉर्ड्स जाने वाली पहली फिल्म बनी. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी दमदार प्रदर्शन किया और 7 करोड़ रुपयों से ज्यादा की कमाई कर डाली. फिल्म मदर इंडिया ने बॉलीवुड को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई. इस फिल्म को वैश्विक स्तर पर भी खूब पसंद किया गया और डायरेक्टर की भी जमकर तारीफ हुई. इतना ही नहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस फिल्म की स्क्रीनिंग में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी पहुंचे थे. फिल्म में बॉलीवुड एक्टर सुनील दत्त और नरगिस के साथ राजेंद्र कुमार तुली नजर आए थे.

बॉलीवुड इतिहास की सबसे बेहतरीन फिल्म

ये फिल्म बॉलीवुड इतिहास की सबसे शानदार फिल्म मानी जाती है. इस फिल्म की कहानी कालजयी साबित हुई है. फिल्म के रिलीज को करीब 66 साल बीत गए हैं लेकिन आज भी इस फिल्म की कहानी देखने पर आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे. इस फिल्म की कहानी एक गरीब महिला की है जो जमींदारों की तानाशाही और शोषक रवैया का इस कदर शिकार होती है कि देखने वालों का गला रुंद जाता है. फिल्म में ग्रामीण भारत के समाज पर ऐसा तमाचा मारा कि देखने वालों का दिमाग हिल गया. इस फिल्म को लोगों ने खूब प्यार दिया और ये फिल्म समय के चक्र को पार कर एक जैम बन गई.

ऑस्कर में भेजी गई थी फिल्म

भारत की तरफ से इस फिल्म को ऑस्कर भेजा गया और वहां भी इसने इतिहास रच दिया. मदर इंडिया को बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगिरी में नॉमिनेट किया गया. हालांकि फिल्म ऑस्कर जीतने से वंचित रह गई. फिल्म के गाने मशहूर लेखक शकील बदायूं ने लिखे थे. मदर इंडिया को आज बॉलीवुड सिनेमा की धरोहर के रूप में माना जाता है. इस फिल्म को देखने के बाद आज भी लोग अपने आंसू नहीं रोक पाते हैं. आज भारत अपने गरीबी और भुखमरी के उस दौर से लौट आया है और लहलहाता हिंदुस्तान अपने अतीत पर देखकर तरस खाता है. मदर इंडिया फिल्म ने उस दौर की कड़वी यादें कैमरे में ऐसे चस्पा की हैं कि आने वाली पीढ़ियां इससे अंदाजा लगा पाएंगी कि भारत ने कितना लंबा सफर तय किया है.

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj