Government Will Not Give Lease On The Land Of Temple Forgiveness – मंदिर माफी और डूब क्षेत्र की जमीन पर पट्टा नहीं देगी सरकार

न्यायालयों के आदेश से राजस्थान सरकार के ठिठके कदम

जयपुर। राज्य सरकार ने मंदिर माफी और डूब क्षेत्र की जमीन पर बसी कॉलोनियों में पट्टा देने की कवायद को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। मंत्री और अफसरों ने इसके लिए निकायों के साथ लम्बा मंथन किया, जिससे ऐसी कॉलोनियों में भी पट्टा दिया जा सके, न्यायालयों के आदेश के कारण कदम ठहर गए। नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग यह पूरी प्रक्रिया प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत कर रहे थे। इन जमीनों पर अनुमानित एक से 1.50 लाख परिवार रह रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों ही मामले मुख्यमंत्री के सामने रखे जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक यूडीएच ने डूब क्षेत्र में बसी कॉलोनियों के लिए जल संसाधन विभाग से भी जानकारी मांगी। इसमें कब से पानी नहीं आया और फिर भी डूब क्षेत्र में ही है। विभाग ने इसके लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड के अनुसार प्रक्रिया अपनाने के लिए कह दिया, जिसके बाद यूडीएच और एलएसजी ने भी आगे बढ़ने की बजाय मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।
मंदिर माफी की जमीन :
मंदिर माफी की जमीन पर बसी कॉलोनियों को पट्टा देने के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं है। कोर्ट ने भी इस संबंध में समय-समय पर आदेश दे रखे हैं। हालांकि, ऐसी जमीन पर अवैध निर्माण का दायरा बढ़ता गया। इस भूमि पर बसी कॉलोनियों को पट्टा देने के लिए नियमन शुल्क से प्राप्त राशि में से बड़ा हिस्सा देवस्थान विभाग या संबंधित मंदिर प्रशासन देकर गली निकालने की कोशिश की गई, लेकिन बात नहीं बनी। देवस्थान विभाग की 7 हजार बीघा जमीन पर कब्जा है या फिर इनका बेचान का कॉलोनियां काट दी गई है।