129 साल पुराने कानून की विदाई, राजस्थान में भी मकोका जैसा कानून

जयपुर। विधानसभा में मंगलवार को प्रदेश में बढ़ते माफियाराज और जेलों में अव्यवस्थाओं पर विपक्ष ने राज्य सरकार को जमकर घेरा। अजमेर में युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज और किसान कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं होने को लेकर भाजपा ने दो बार बहिर्गमन किया। वहीं बजरी की दर कम करने की मांग लेकर आरएलपी विधायक हंगामा करते हुए पोस्टर लेकर वैल में पहुंच गए, विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी के मार्शल बुलाने की चेतावनी देने पर उन्होंने सदन का बहिष्कार कर दिया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि नकल, पट्टा, कोचिंग और शिक्षा से लेकर पानी तक माफियाराज है, जिस पर राज्य सरकार साढ़े चार बाद जागी है। नकल माफिया को उम्रकैद के प्रावधान वाले विधेयक सहित आठ विधेयक मंगलवार को विधानसभा में पेश किए गए, जिनको 19 से 21 जुलाई के बीच पारित किया जाएगा।
विधानसभा में मगलवार को 129 साल पुराने अंग्रेजी राज के कानून की विदाई के लिए नया कारागार विधेयक पारित किया गया। बाद में मकोका की तर्ज पर लाए गए राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक को भी पारित कर दिया गया। शून्यकाल में आरएलपी के तीनों विधायक बजरी दरें कम करने, बजरी माफिया के खिलाफ बिना अनुमति बोलने का प्रयास करते हुए हंगामा किया, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष सी पी जोशी ने कड़ा रुख दिखाया। राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक पर बहस के अंत में बायतू विधायक हरीश चौधरी ने बजरी के मुद्दे पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, बजरी को लेकर कोई सच नहीं बता रहा है। क्या बजरी का पूरा खेल संगठित अपराध नहीं है। बजरी को लेकर केवल ठेकेदारों के पक्ष में बोला जा रहा है, बजरी सस्ती कराने के लिए कोई नहीं बोल रहा। पर्यावरणीय मंजूरी के नाम पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का शुल्क और जीएसटी बजरी को महंगा कर रहे हैं। एनजीटी ने बजरी सीधे उपभोक्ता तक पहुंचाने पर रोक लगा दी है, लेकिन ट्रेक्टर से बजरी का परिवहन करने वालों को कोई यह बता ही नहीं रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चल रही रॉयल्टी ठेके की व्यवस्था भी बजरी को महंगा कर रही है।उधर, किसान कर्जमाफी के मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने झूठे वादे कर वोट ले लिए और आज किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इस पर सत्ता पक्ष के विरोध के बीच भाजपा विधायक नारे लगाते वेल में पहुंच गए और सदन से बहिर्गमन कर दिया।
सात बिल एक साथ पेश होने पर आपत्तिशून्यकाल के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने नकल माफिया पर शिकंजा कसने के लिए उम्रकैद की सजा के प्रावधान वाले राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय) संशोधन विधेयक 2023 पेश किया। इसके बाद राजस्थान संगठित अपराध का नियंत्रण विधेयक पर बहस के बीच एक साथ अचानक 7 विधेयक पेश होने पर नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने आपत्ति जताई। इसे खारिज करते हुए सभापति राजेन्द्र पारीक ने कहा कि सरकार को विधेयक पेश करने का अधिकार है और पहले भी ऐसा होता रहा है।
पेश किए गए प्रमुख विधेयक, उनमें क्या खासन्यूनतम आय गारंटी विधेयक- कम से कम 1000 रुपए पेंशन और उसमें हर साल 15 फीसदी वृद्धि, शहरी और ग्रामीण मनरेगा में 125 दिन के रोजगार का भी प्रावधान।
राजस्थान मृत शरीर का सम्मान विधेयक- मांग मनवाने के लिए विरोधस्वरूप शव काे लेकर धरना-प्रदर्शन किए जाने पर पांच साल तक की सजा। शव लेकर प्रदर्शन की बढ़ती प्रवृत्ति रोकने के लिए सरकार का कड़ा कदम।ये भी पेश किए गए
राजस्थान सिनेमा विनियम संशोधन विधेयक, राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक, मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी बिल, राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय जोबनेर विधेयक और राजस्थान आईएलडी कौशल विवि जयपुर नाम परिवर्तन और संशोधन विधेयक।तीन दिन में 12 बिल पास होंगे
19 जुलाई – मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक, विधियां निरसन विधेयक, सहकारी सोसायटी संशोधन विधेयक और विनियोग विधेयक।20 जुलाई – मृत शरीर का सम्मान विधेयक, आईएलडी कौशल विवि नाम परिवर्तन विधेयक, मारवाड़ चिकित्सा विवि, जोधपुर विधेयक और पशु चिकित्सा पशु विज्ञान विवि जोबनेर विधेयक।
21 जुलाई – सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के उपाय संशोधन विधेयक, राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक , राजस्थान सिनेमा विनियम संशोधन विधेयक,राजस्थान माल और सेवा कर संशोधन विधेयक ।