अविश्वास प्रस्ताव पर बहस से पहले विपक्ष को घेरने की तैयारी, सरकार ने बनाई ‘पोल खोलने’ की योजना

रिपोर्ट – पायल मेहता
नई दिल्ली. विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद में सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. लोकसभा अध्यक्ष के फैसले के अनुसार इस पर 8 से 10 अगस्त को बहस होगी. प्रधानमंत्री 10 अगस्त को बहस का जवाब देंगे. विपक्षी दलों के सभी सदस्यों ने सरकार को असंवेदनशील बताते हुए हालिया बिजनेस एडवाइजरी बैठक से वॉकआउट कर दिया था और तर्क दिया था कि सभी संसदीय कामकाज अविश्वास प्रस्ताव की बहस तक बंद कर देने चाहिए. अब, सूत्रों का कहना है, सरकार विपक्ष की ‘पोल खोलने’ के लिए पूरी तरह तैयार है.
विपक्ष के अगंभीर चरित्र को सामने लाएगी भाजपा
नरेंद्र मोदी सरकार ने समाज के सभी वर्गों के विकास के लिए जो कार्य किए हैं उनके बारे में बात करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों सहित सत्तारूढ़ संसद सदस्यों द्वारा ब्रीफिंग की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी. इसमें उन परियोजनाओं को पूरा करना भी शामिल है जो कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए शासन के दौरान कहीं अंधकार में खोई हुई थीं. सूत्रों का कहना है कि मंत्री विपक्ष की गंभीर न होने को भी उजागर करने की तैयारी में हैं. जिसमें विपक्ष द्वारा मणिपुर हिंसा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की मांग करना और जब सरकार की ओर से बहस की पेशकश की गई, तो उनका तकनीकी कारणों से बहस में शामिल होने से इनकार करने जैसे मुद्दों को भी उठाना है.
विपक्ष का कच्चा चिट्ठा खोलने और खुद के कामों को बताने की तैयारी में भाजपा
इस तरह की पहली ब्रीफिंग बुधवार को आईटी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल (आर) वीके सिंह और बड़ौदा के संसद सदस्य रंजनबेन भट्ट संयुक्त रूप से करने वाले हैं. आने वाले दिनों में, भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी और किरेन रिजिजू सहित कई केंद्रीय मंत्री इस तरह की ब्रीफिंग करेंगे. यह वही रणनीति है जो सरकार ने संसद के पिछले बजट सत्र में अपनाई थी. जहां कई मंत्रियों ने पार्टी के नौ साल के कार्यकाल में मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर रोशनी डाली थी.
भाजपा विपक्ष गठबंधन को यूपीए ही बुलाएगी
भले ही विपक्षी दलों ने एक संयुक्त मोर्चा बनाकर इसे ‘इंडिया’ नाम दिया है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने फैसला किया है कि वह इस प्रतिद्वंद्वी गुट को यूपीए कहना जारी रखेगा. सोमवार को एनडीए नेताओं के साथ हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सांसदों से कहा कि नाम बदलने का कोई मतलब नहीं है. यूपीए शासन के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘भ्रष्ट गठबंधन की मूल फितरत तो वहीं रहती है.’
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FIRST PUBLISHED : August 02, 2023, 10:57 IST