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Dhanteras 2023: धन-पैसों के लिए मनाते हैं धनतेरस? नहीं, इस कीमती चीज से है ताल्‍लुक, जान जाओगे तो हर साल मनाओगे

हाइलाइट्स

10 नवंबर को धनतेरस का पर्व मनाया जा रहा है.
इस दिन आयुर्वेद के देवता भगवान धन्‍वंतरि की जयंती भी है.

Why is Dhanteras celebrated: दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. प्रचलित मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन सोने-चांदी के आभूषण, चल और अचल संपत्ति खरीदने की सलाह दी जाती है और कहा जाता है कि इससे मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और सालभर उनकी कृपा बनी रहती है. यही वजह है कि लोगों को भी लगता है कि धनतेरस का त्‍यौहार धन या पैसों से संबंधित है. इस दिन धन-संपत्ति की प्राप्ति के लिए ही पूजा-आराधना की जाती है. अगर आपको भी ऐसा लगता है तो आप भी गलत सोचते हैं…

धनतेरस का त्‍यौहार धन-संपत्ति के लिए नहीं बल्कि इससे भी बेशकीमती और अनमोल एक चीज के लिए मनाया जाता है जिसे पैसों से भी नहीं खरीदा जा सकता. इसे जानने के बाद पक्‍का आप हर साल भगवान से धन और माया को छोड़कर इसी चीज के लिए प्रार्थना करेंगे. आइए आपको बताते हैं क्‍या है वह चीज, जिसके लिए वास्‍तव में धनतेरस मनाया जाता है..

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कैट की वैदिक एवं ज्योतिष कमेटी के संयोजक व प्रख्यात वेद मर्मज्ञ उज्जैन के आचार्य दुर्गेश तारे बताते हैं कि शास्‍त्रों के अनुसार धनतेरस के दिन भगवान विष्‍णु के अवतार और आयुर्वेद के देवता धन्‍वंतरि का प्रादुर्भाव हुआ था. अमृत कलश लेकर निकले धन्‍वंतरि को आरोग्‍य और औषधियों का देवता माना गया है, ऐसे में यह दिन आरोग्‍य और स्‍वास्‍थ्‍य का है. वहीं उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य या निरोगी काया को सबसे बड़ा धन माना गया है, ऐसे में धनतेरस के दिन रुपये-पैसों के लिए नहीं बल्कि उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पूजा अर्चना की जाती है.

तारे कहते हैं कि इस दिन सभी को भगवान धन्‍वंतरि की पूजा करनी चाहिए. अगर घर में कोई बीमार व्‍यक्ति है तो इस दिन पूजा अर्चना करके निरोग की कामना करनी चाहिए और चर लग्‍न में औषधियां लेनी चाहिए. भगवान धन्‍वंतरि ही नहीं बल्कि सभी देवताओं का प्रिय रंग पीला है, इसलिए इस दिन पीली चीजें या स्‍वर्ण खरीदने के लिए कहा जाता है. अगर आप सोना नहीं खरीद सकते हैं तो पीतल खरीदना चाहिए.

धनतेरस के दिन इस समय करें पूजन
इस बार भगवान धन्‍वंतरि का पूजन दिन में दो बार किया जा सकता है. धनतेरस वाले दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें, नहाकर सूर्य को अर्घ्‍य दें. इसके बाद सुबह 11 बजकर 55 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक या फिर शाम को 6 बजकर 5 मिनट से लेकर रात्रि 8 बजे तक भगवान का पूजन कर सकते हैं. इस दौरान भगवान से निरोग रहने की कामना करें और घी या तेल का दीया जलाएं. ऐसा करने से आप देखेंगे कि आपका गंभीर से गंभीर रोग कटने लगेगा.

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Tags: Dhanteras, Diwali, Trending news

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