WORLD AIDS DAY: क्यों होता है एड्स, जागरूकता ही इसका बचाव, जानें एड्स होने पर शरीर के ये लक्षण
राहुल मनोहर/सीकर. एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) एक गंभीर और जीवनलाज बीमारी है, जिसका खतरा वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रहा है. इस बीमारी का कारण ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) होता है जो मुख्यत: यौग संचारित रूप से फैल सकता है. एड्स के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और इससे बचाव को लेकर लोगों को सचेत करने के लिए, हर साल 1 दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. यह बीमारी मुख्यत: यौन संचारित होती है, लेकिन कुछ और कारणों से भी हो सकती है.
सीएमएचओ डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार, दुनियाभर में एड्स रोग और एचआईवी संक्रमण के संबंध में लोगों के बीच में कई गलतफहमियां हैं. उन्होंने इस पर जोर देते हुए कहा कि इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि लोगों को इस रोग की सटीक जानकारी होनी चाहिए. एड्स, एचआईवी वायरस के संक्रमण से होने वाली गंभीर बीमारी है, जिसके कारण रोग प्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर कर देता है और व्यक्ति को अन्य बीमारियों से लड़ने की क्षमता में कमी होती है. यह संक्रमण यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के अलावा, संक्रमित रक्त के संपर्क, संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंजेक्शन द्वारा, और मां से बच्चे को गर्भावस्था, प्रसव, या स्तनपान के दौरान होने का खतरा हो सकता है.
एचआईवी का संक्रमण या एड्स तो नहीं
एचआईवी संक्रमण या एड्स की पुष्टि के लिए खून की जांच जरूरी है. हालांकि कुछ लक्षणों के माध्यम से इस रोग की पहचान की जा सकती है. एचआईवी से संक्रमित कुछ लोगों में वायरस के शरीर में प्रवेश करने के दो से चार सप्ताह के भीतर फ्लू जैसी बीमारी विकसित होने लगती है. इसके अलावा बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियां और जोड़ों में दर्द, गले में खराश और मुंह में घाव होना, वनज घटना भी इस रोग का लक्षण माना जाता है. ये लक्षण इतने हल्के हो सकते हैं कि लोगों का शुरूआत में इन पर ध्यान नहीं जाता है, हालांकि समय के साथ रक्त में वायरस लोड बढ़ता जाता है, जिससे रोग और लक्षण गंभीर रूप में बदल सकते हैं.
किन लोगों को होता है एड्स का खतरा
एचआईवी संक्रमण का खतरा असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित इंजेक्शन का साझा करना और संक्रमित व्यक्ति के रक्त का संपर्क करने से बढ़ सकता है. यह एक जानलेवा रोग है और इसका पहले से ही संक्रमण होने वाले व्यक्ति के साथ संबंध बनाने के कारण इसे फैलने का खतरा बढ़ सकता है. सुरक्षित यौन आचरण, अधिक से अधिक व्यक्तियों को जागरूक करना, और नियमित यौन स्वास्थ्य जांच रखना इस संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है.
एचआईवी संक्रमण से बचाव
एचआईवी/एड्स का कोई टीका नहीं है और इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक करना संभव नहीं है. इसलिए संक्रमण से बचाव बहुत महत्वपूर्ण है. सुरक्षित यौन आचरण, स्वस्थ जीवनशैली, और नियमित यौन स्वास्थ्य जांच इस बीमारी को फैलने से रोक सकते हैं. प्रौढ़ और अविवाहित व्यक्तियों के लिए प्रायः प्रेरित करने वाला एक और बहुत अच्छा तरीका है प्रेप (Pre-Exposure Prophylaxis) और ट्रीटमेंट अस प्रेवेंटिव (Treatment as Prevention). यह विशेषज्ञ चिकित्सक के साथ चर्चा करने के बाद उपयोगकर्ता को एचआईवी संक्रमण से सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2023, 16:50 IST