₹120 किलो मिलती है ये ताजी सब्जी, सूखने के बाद हो जाती है ₹800 किलो, गर्भावस्था में लाभकारी, पाचन में मददगार

निखिल स्वामी/बीकानेर. पश्चिमी राजस्थान को सूखी सब्जियों का खजाना कहा जाता है. यहां एक से बढ़कर एक सूखी सब्जियां मिलती है. ऐसे में एक ऐसी सब्जी मिलती है जो सूखने के बाद करीब 800 रुपए महंगी हो जाती है. हम बात कर रहे है ग्वारफली की. यह सब्जी राजस्थान की मुख्य सब्जी है. पहले जहां ग्वारफली का सीजन दो से तीन माह रहता था, लेकिन अब पांच से छह माह हो गया है. सर्दी आने के साथ ही ग्वारफली की डिमांड भी बढ़ जाती है, लेकिन सीजन जाने के बाद भी लोग इस ग्वारफली को सूखाकर भी खाते हैं. ऐसे में देशी और विदेशी लोग भी इस सब्जी को काफी पसंद करते हैं.
ग्वारफली का सीजन मार्च से शुरू होकर दीपावली तक रहता है. हालांकि, यह सब्जी पूरे साल चल जाती है. लेकिन यह जुलाई के बाद दिसंबर तक खाई जाती है. कई बार यह सब्जी फरवरी तक बाजारों में मिल जाती है. ग्वारफली हरी सब्जी की कीमत बाजार में 120 रुपए किलो है. इस ग्वारफली को दो बार बना सकते है. हालांकि, अब इसका सीजन जाने वाला है तो दुकानदार अब इस हरी सब्जी को सूखाकर बेच रहे है. वहीं, कई लोग तो अपने घरों में इसको सूखा रहे हैं.
ग्वारफली खाने के फायदे
दुकानदार हरीश अग्रवाल ने बताया कि यह ग्वारफली बीकानेर के आस पास के गावों से आती है. इस हरी सब्जी को सुखाया जाता है. हालांकि, इस हरी सब्जी को सूखने के बाद गर्म पानी में भिगोया जाता है. उसके बाद इसकी सब्जी बनाई जाती है. इस सब्जी को दो तरीके से बनाते है. इसका सीजन जाने के बाद इसको सुखाकर भी सब्जी बना सकते है. यह सूखी सब्जी 900 रुपए किलो बेची जा रही है. यह सब्जी सूखने के बाद इक्कठी हो जाती है और वजन भी कम हो जाता है. यह सब्जी सेहत के लिए काफी गुणकारी है. ग्वारफली खाने के कई फायदे हैं. जैसे शुगर लेवल सही रखना, बीपी में सुधार होना, पाचन में मददगार, दिमाग को शांत रखना, गर्भावस्था में लाभकारी, दिल को बढ़िया रखता है. ग्वारफली का नियमित सेवन करके बढ़ता वजन भी कम किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 16:39 IST