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Captain Amrinder Singh met high command in Delhi | सिद्धू के साथ विवाद के बीच दिल्ली पहुंचे पंजाब के कैप्टन, सोनिया से मुलाकात के बाद बोले- कांग्रेस अध्यक्ष के फैसले पर पूरा अमल करेंगे

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब कांग्रेस में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच घमासान चल रहा है। इसी बीच मंगलवार को कैप्टन ने आलाकमान से दिल्ली में मुलाकात की। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह मंगलवार सुबह चॉपर में चंडीगढ़ से दिल्ली रवाना हुए थे। इससे पहले वह दिल्ली में पार्टी आलाकमान द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी से मुलाकात कर चुके हैं। 30 जून को नवजोत सिंह सिद्धू ने भी नई दिल्ली में प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

इस मुलाकात के बाद कैप्टन ने कहा, ‘ मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मिला, पार्टी के आतंरिक मामले और पंजाब के विकास पर उनसे बात हुई। जो फैसला कांग्रेस अध्यक्ष करेंगी, हम उस पर पूरा अमल करेंगे। पंजाब आगामी चुनाव के लिए तैयार है। हालांकि जब उनसे सिद्धू को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कैप्टन ने कहा, ‘मैं सिद्धू साहब के बारे में कुछ नहीं जानता, मैंने अपनी सरकार के काम और राजनीतिक मुद्दों पर कांग्रेस अध्यक्ष से चर्चा की।

इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद करने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने 30 जून को पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी से मुलाकात की थी। ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली थी। इससे पहले उन्होंने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से भी मुलाकात की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू को कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।

बता दें कि सिद्धू ने लंबे वक्त से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है, हाल ही में पंजाब को लेकर हलचल बढ़ी है, क्योंकि अगले साल राज्य में चुनाव होने हैं। बीते दिनों पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और सांसद प्रताप सिंह बाजवा और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी और उन्हें राज्य इकाई में बढ़ रहे अंदरूनी कलह की स्थिति से अवगत कराया था।

दरअसल, कांग्रेस के लिए पंजाब महत्वपूर्ण राज्य है, क्योंकि यहां कांग्रेस पार्टी सत्ता में है। अगर गुटबाजी बनी रही तो इसका असर अन्य राज्यों पर भी पड़ेगा। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में आलाकमान इसे जल्द से जल्द खत्म करना चाहता है।

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