Rajasthan

लड़की को खेलने भेजते हो, कैसे पिता हो? बाप को मारते थे ताना, पुलिसवाली बेटी ने किया ऐसा कि बोलती बंद हो गई

मनमोहन सेजू/बाड़मेर. महज सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली जब एक बच्ची वालीबॉल खेलने के लिए मैदान में निकली तो आस-पास के लोगों ने उसके पापा को खूब ताना दिया. गांव के लोगों का कहना था ऐसे कौंन अपनी बेटी को खेलने के लिए भेज सकता है. लड़कियों का खेल के मैदान में क्या काम…? बता दें सीकर के रहने वाले नानूराम अपने बेटी की खेली की रुचि को देखते हुए उसे आगे बढ़ाया. इसके लिए उन्हें खूब ताना भी सुनने पड़े

हालांकि उन्होंने सभी बात को अनदेखा कर बेटी सरोज को वालीबॉल खेलने दिया. आज उसी सरोज पिपलोदा के नाम कई अंतराष्ट्रीय गेम्स रिकॉर्ड है. इतना ही नही इसी मेहनत की वजह से मिली राजस्थान पुलिस की नौकरी में उनके कंधों पर दो स्टार जगमगा रहे है. 68वीं राज्य स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता में सरहदी बाड़मेर में सरोज टीम जयपुर के कप्तान के रूप में अपनी टीम के साथ उतरी और तमाम विरोधी टीमों को हराते हुए टीम जयपुर को राजस्थान का सिरमौर बना दिया है. सब इंस्पेक्टर सरोज की पहचान आज अंतराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी के तौर पर होती है.

2022 में मिली पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी
वह बताती है कि उनके पिता नानूराम और माँ केसरी देवी को लोगो ने खूब ताने दिए थे जब बचपन मे उन्होंने उसे खेलने की अनुमति दी थी. 2007 में पहली बार सातवी में पढ़ने के दौरान उसने पहली बार खेल के मैदान में कदम रखा और पिता का सपना पूरा किया.

साल 2022 में उसे खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर का पद मिला. अभी वह जयपुर में कार्यरत है. सरोज बताती है कि पिता का सपना था कि बेटी पुलिस की नौकरी की करे. उसी सपने को पूरा किया है. माता-पिता अनपढ़ होने के बावजूद उन्हें खेल में आगे बढ़ाया और उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. वह बताती है कि वह 6 बार इंटरनेशनल खेल चुकी है.

Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news

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