Rajasthan

चूरू के इस हवेली में रहते थे रहीश सेठ, दूसरी मंजिल खड़ी होती थी कार, अजीब है हवेली की कहानी

नरेश पारीक/चूरू:- राजस्थान की पहचान सिर्फ यहां के धोरे और खान-पान से ही नहीं, बल्कि गगनचुंबी हवेलियों से भी होती है. ऊंची इमारतें और उन पर उकेरे चित्र भारतवासी के साथ विदेशी पर्यटक को भी अपना दीवाना बनाते हैं. खासतौर पर शेखावाटी की हवेलियां, जिन्हें निहारने लोग सात समंदर पार से भी आते हैं. सालों पहले बनी ये हवेलियां आज भी अपनी भव्यता और सुंदरता बिखेर रही हैं. धनाढ्य परिवारों से ताल्लुक रखने वाली ये हवेलियां उस वक्त के सेठ-साहूकारों की रहीशी को भी बयां करती हैं.

103 साल पहले बनी ये हवेली
राजस्थान के चूरू में स्थित दूधवाखारा गांव ना सिर्फ आंदोलनकारी किसानों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए जाना जाता है, बल्कि सालों पहले बनी ऐतिहासिक हवेलियों के लिए भी ये गांव काफी विख्यात है. गांव में ही 103 साल पहले बनी सेठ रामेश्वरदास नाथानी की हवेली अपनी विशेषताओं और सेठ जी की रहीशी के लिए काफी प्रसिद्ध  है. गांव के ही रिटायर्ड सूबेदार गोविंद सिंह राठौड़ बताते हैं कि एक बीघा में बनी इस भव्य हवेली के नीचे करीब साढ़े सात बीघा जमीन है.

नोट:- कोटा के इस जिले में दिखा राम मंदिर स्थापना का असर, ग्रामीणों ने की गांव का नाम बदलने की मांग

दूसरी मंजिल पर होती थी सेठ जी की कार पार्क
रिटायर्ड सूबेदार गोविंद सिंह राठौड़ बताते हैं कि यह हवेली तीन मंजिला है. हवेली की दूसरी मंजिल पर सेठ जी की कार पार्क होती थी. सेठ जी जब बाहर से हवेली में आते थे, तो कार दूसरी मंजिल तक बने रैम्प की सहायता से सीधे सेठ जी के कमरे के आगे आकर रुकती थी. हवेली की पहली मंजिल पर हवेली में काम-काज करने वाले कर्मचारी रहते थे. वहीं दूसरी मंजिल पर सेठ जी और तीसरी मंजिल पर सेठानी जी रहती थी. राठौड़ बताते है कि इस हवेली में 60 कमरे थे और हवेली के अंदर दो चौक थे, जो आज भी इसकी भव्यता बयां करते हैं. इस हवेली के बिकने के बाद से वर्तमान में करीब डेढ़ सालों से इस हवेली को हैरिटेज होटल के रूप में विकसित करने का कार्य चल रहा है.

Tags: Churu news, Local18, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj