Congenital disorder of spine, surgery gave new life | रीढ़ का जन्मजात विकार, सर्जरी कर दिया नया जीवन

जयपुरPublished: Jan 13, 2024 11:38:07 pm
जयपुर . रीढ़ की हड्डी में जन्मजात विकार के कारण 13 वर्षीय बालक के कमर से नीचे का हिस्सा ठीक नहीं था। डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर बच्चे के इस जन्मजात विकार को ठीक करके जीवन में एक नई आशा प्रदान की।
सर्जरी कर दिया नया जीवन
जयपुर . रीढ़ की हड्डी में जन्मजात विकार के कारण 13 वर्षीय बालक के कमर से नीचे का हिस्सा ठीक नहीं था। उसके पैरों में बहुत ज्यादा कमजोरी थी और उसे अपने मल मूत्र पर भी बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं था। ऐसे में उसे बार-बार शर्मिंदा होना पड़ता था। ऐसे में डॉक्टरों ने जटिल सर्जरी कर बच्चे के इस जन्मजात विकार को ठीक करके जीवन में एक नई आशा प्रदान की।
न्यूरो सर्जन डॉक्टर संजीव सिंह ने बताया कि बच्चे को डायेस्टेमेटामाइलिया नाम की एक जन्मजात बीमारी थी। इस बीमारी में रीड की हड्डी की बड़ी नस जिसे स्पाइनल कॉर्ड भी कहते हैं वह दो भागों में विभाजित हो जाती है। सामान्यतः स्पाइनल कॉर्ड रीढ़ की हड्डी के खोल में होती है जिसे स्पाइनल कैनाल कहा जाता है। इस कैनाल के अंदर एक हड्डी का सेप्टम बन जाता है जो स्पाइनल कॉर्ड को दो भागों में बांट देता है। बच्चे को उपचार के लिए सीके बिरला हॉस्पिटल लाया गया जहां एक स्पेशल प्रोग्राम के तहत उसकी सर्जरी नि:शुल्क की गई।
मल मूत्र पर बिल्कुल भी नियंत्रण न होने के कारण उसका स्कूल तक छूट गया था और वह अवसाद में चला गया था। डॉ. संजीव ने बताया कि इस सर्जरी द्वारा ही ठीक किया जा सकता था। कुछ आवश्यक टेस्ट करने के बाद लगभग चार से पांच घंटे चली सर्जरी में दो प्रोसीजर किए गए और विकार को ठीक किया गया। सर्जरी के बाद पैरों की कमजोरी को काफी रिकवर कर लिया गया और बच्चों के मल मूत्र पर नियंत्रण भी काफी बढ़ गया है। सर्जरी के बाद वह 5 दिनों तक अस्पताल में रहा जिस दौरान उसके फिजियोथैरेपी सेशन चले और काउंसलिंग भी की गई, जिससे उसे डिप्रेशन से निकलने में मदद मिली।