मनरेगा में रोजगार को लेकर गांव और शहरों के लिए आई बड़ी खबर, क्या पूरी होगी ‘गारंटी’ | big news for villages and cities regarding employment in MNREGA

न्यूनतम आय की गारंटी कानून में 6 माह पहले लोगों को गांवों में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत मनरेगा से अतिरिक्त 25 दिन के रोजगार और शहरी रोजगार गारंटी योजना में 125 दिन के रोजगार की गारंटी मिल गई, लेकिन कानून के अंतर्गत नियम नहीं बनने से इन योजनाओं में काम मिलने की गांरटी अधर में है।
वजह, नियम नहीं बनने से यह तय नहीं हो पाया है कि कानून में दी गई गारंटी पूरी नहीं होने पर लोग शिकायत लेकर जाएं कहां? पड़ताल में सामने आया कि वित्त विभाग में नियम प्रक्रियाधीन हैं, ग्रामीण विकास विभाग गांवों में मनरेगा के अतिरिक्त 25 दिन का रोजगार देने की योजना की समीक्षा कर रहा है।
राजस्थान में पंचायत से शहरी निकाय बने 42 क्षेत्रों में पिछले साल आचार संहिता से पहले मनरेगा में काम मिलना बंद हो गया, जबकि शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने की अभी प्रक्रिया शुरू हुई है। इन 42 शहरी निकायों में शहरी रोजगार गारंटी योजना में अभी काम मिलना शुरु नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने वाली है, ऐसे में इन सभी कार्यों में आचार संहिता भी अड़चन बनकर लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है।
नियमों में यह तय होगा
– काम के घंटे और कार्य के लिए आवश्यक परिस्थितियां
– मजदूरी भुगतान की प्रक्रिया
– बेरोजगारी भत्ता और उसे प्राप्त करने की प्रक्रिया
नियम नहीं बनने से न्यूनतम आय की गारंटी अधिनियम व्यावहारिक तौर पर लागू नहीं हो पाया है। अभी न काम मिलने की प्रक्रिया तय है और न मुआवजे की प्रक्रिया तय है।
– मुकेश गोस्वामी, प्रतिनिधि, रोजगार एवं सूचना का अधिकार अभियान