आपकी नसों में भी घुस चूका है प्लास्टिक? Heart Attack और स्ट्रोक का खतरा बढ़ा

Microplastics in blood clots : चीन के वैज्ञानिकों ने एक नई खोज में पाया है कि दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (एक तरह का खून का थक्का जमने का रोग) के 80% मामलों में खून के थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक पाए गए। माइक्रोप्लास्टिक 5 मिलीमीटर से छोटे प्लास्टिक के टुकड़े होते हैं, जो पहले से ही पर्यावरण और सेहत के लिए खतरनाक माने जाते हैं।
80% खून के थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 30 मरीजों के दिमाग की धमनियों (Cerebral arteries), दिल की धमनियों (Coronary arteries) और पैरों की गहरी नसों (Deep veins) से खून के थक्के निकाले और उनकी जांच की. जांच में पाया गया कि इनमें से 80% थक्कों में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद थे।
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर टाटियाना प्रोवेल ने इस अध्ययन के बारे में कहा कि “यह बहुत चिंताजनक है. प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन में हर जगह है.”
यह भी पढ़ें- Sadhguru के दिमाग में था खून का थक्का, हुई आपातकालीन सर्जरी, जानिए लक्षण और संभावित कारण
दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का खतरा
इस अध्ययन से पता चलता है कि माइक्रोप्लास्टिक दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक और डीप वेन थ्रॉम्बोसिस की गंभीरता को बढ़ा सकते हैं, लेकिन इस पर अभी और शोध की जरूरत है. चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में ज्यादा लोगों पर किए जाने वाले अध्ययन से यह पता चल सकेगा कि हम कहां से इन माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क में आ रहे हैं और क्या वाकई इनसे बीमारी का खतरा ज्यादा है.