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यहां होने जा रहा ‘गदर 3’ … कैसे 2 हैंडपंप ने बाड़मेर को बना दिया हॉटसीट? विधायक को सांसदी लड़ने पर मजबूर कर दिया

बाड़मेर : राजस्थान की हॉट सीट बाड़मेर से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी की हैंडपंप वाली कहानी चुनावी मुद्दा बन गई है, क्योंकि हैंडपंप वाली घटना की वजह से ही रविंद्र भाटी ने तय किया था कि वो लोकसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे और BJP और कांग्रेस से टक्कर लेंगे और उनके इसी फ़ैसले की वजह से बाड़मेर में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया और BJP ने चुनाव प्रचार का शोर थमने से पहले बाड़मेर सीट पर पूरी ताक़त झोंक दी. कंगना रनौत ने वहां क़रीब डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो किया और बाड़मेर से BJP प्रत्याशी कैलाश चौधरी के लिए वोट अपील की. इस दौरान खूब नारेबाज़ी भी हुई.

राजस्थान के बाड़मेर सीट की लड़ाई पर इस बार सबकी नज़र है, क्योंकि BJP के कैलाश चौधरी और कांग्रेस के उम्मेदराम बेनीवाल के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र भाटी ने सबका ध्यान खींचा है. उनकी वजह से इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय हो गया, क्योंकि 26 साल के रविंद्र भाटी विरोधियों को ऐसे ललकारते हैं कि अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाएं.

रविंद्र भाटी कुछ महीने पहले ही विधायक बने थे. वो निर्दलीय चुनाव जीते थे और उनके विधायक बनने के बाद ही हैंडपंप वाली घटना हुई थी. रविंद्र भाटी के साथ हुई वही घटना इस बार के लोकसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गई, क्योंकि विधायक बनने के बाद राज्य सरकार से उन्हें केवल दो हैंडपंप मिले थे और कहते हैं कि इसी बात से नाराज़ होकर उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया. यही नहीं रविद्र भाटी ने अपनी रैलियों में इसका ज़िक्र भी किया था.

भाटी ने हैंडपंप वाली कहानी लोगों को सुनाई थी. साथ उन्होंने लोगों को ये भी बताया था कि कैसे विरोधी हैंडपंप की वजह से उनका मज़ाक उड़ाते हैं.

भाटी की ये रैली नौ अप्रैल को गुजरात के सूरत में हुई थी और इस रैली में उन्होंने खुलकर बोल दिया था कि हैंडपंप की वजह से ही उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया था. इसी के बाद BJP और कांग्रेस के बड़े बड़े नेताओं का बाड़मेर में जमघट लग गया. रविंद्र भाटी ने कहा था ‘तो मैं उनको कहना चाहता हूं कि ये वहीं रविंद्र है, जिसके कारण जयपुर और दिल्ली आज बाड़मेर आकर बैठी है.’

बाड़मेर लोकसभा सीट से दावेदारी पेश कर रहे 26 साल के रविंद्र भाटी कुछ महीनों पहले ही पहली बार विधायक बने थे. और विधायक बनते उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया था. रविंद्र भाटी बाड़मेर की शिव विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. अपने इलाके में पानी की समस्या देखते हुए उन्होंने राज्य सरकार से कुछ हैंडपंप मांगे थे और उन्हें हैंडपंप मिले भी, लेकिन जितने रविंद्र भाटी ने मांगे थे, उतने नहीं बल्कि सिर्फ़ दो. जबकि BJP के एक दूसरे विधायक को 20 हैंडपंप मिले थे. और कहा जा रहा है कि उसी घटना के बाद रविंद्र भाटी ने लोकसभा चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया.

यहां होने जा रहा 'गदर 3' ... कैसे 2 हैंडपंप ने बाड़मेर को बना दिया हॉटसीट? विधायक को सांसदी लड़ने पर मजबूर कर दिया

क्योंकि ख़बर उड़ी कि रविंद्र भाटी को केवल दो हैंडपंप मिलने की वजह से उनका मज़ाक उड़ा था और लोगों ने कहा कि इतनी मेहनत के बावजूद रविंद्र भाटी अपने इलाके में केवल दो हैंडपंप लेकर आए. सूरत में नौ अप्रैल की रैली में रविंद्र भाटी ने उसी बात का ज़िक्र किया था.

रविंद्र भाटी ने कहा कि ‘कई सारे नेता कहते थे, विधायक बने तीन माह हो गए हैं क्या किया इसने? केवल 2 हैंडपंप लेकर आया है.’

यानी विधायक बनने के बाद सांसद बनने की राह पर चले रविंद्र भाटी ने अब तक का ये सफर हैंडपंप की वजह से तय किया और इसीलिए उनकी हैंडपंप वाली कहानी को गदर-3 कहा गया, क्योंकि सनी देओल की मूवी गदर और गदर-2 के हैंडपंप वाले सीन खूब चर्चा में रहे थे.

इसीलिए रविंद्र भाटी के हैंडपंप वाले सियासी किस्से को गदर-3 कहा गया. रविंद्र भाटी ने अपनी रैलियों में इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया. यहां तक कि उन्होंने हैंडपंप वाली घटना की तुलना महाभारत में पांडवों की पांच गांवों की मांग से कर दी थी और बोल दिया था कि जिस तरह से महाभारत में पांडवों की पांच गांवों की मांग पूरी नहीं होने पर युद्ध हो गया था, उसी तरह का सियासी युद्ध उनकी हैंडपंपों की मांग पूरी नहीं होने पर छिड़ गया. यानी रविंद्र भाटी ने अपने चुनाव प्रचार का पूरा ताना बाना ही हैंडपंप वाली घटना के इर्द गिर्द बुना.

इस तरह धीरे धीरे बाड़मेर लोकसभा सीट पर हैंडपंप वाली कहानी चुनावी मुद्दा बन गई. या यूं कहें कि बाड़मेर सीट पर रविंद्र भाटी ने एक ऐसी सियासी पिक्चर बनाई, जिसे गदर-3 बोला गया, क्योंकि कहा जा रहा है कि हैंडपंप वाली घटना ने ही रविंद्र भाटी को चुनाव लड़ने के लिए उकसाया.

इससे पहले उन्होंने 2019 में जोधपुर की जय नारायण यूनिवर्सिटी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इसके बाद 2023 में उन्होंने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी और अब वो बाड़मेर लोक सभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.

रविंद्र भाटी अपने तेज़तर्रार भाषणों और सोशल मीडिया पर मज़बूत पकड़ की वजह से रातोंरात चर्चा में आ गए थे. इसके बाद उनकी हैंडपंप वाली कहानी की भी चर्चा हुई, क्योंकि अटकलें लगीं कि अगर राज्य सरकार उन्हें उतने हैंडपंप दे देती, जितने उन्होंने मांगे थे, तो वो लोकसभा चुनाव में ताल नहीं ठोकते. यानी बाड़मेर में मुकाबला त्रिकोणीय नहीं होता.

Tags: Barmer news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Rajasthan news

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