Business

5 मार्च से 5 राज्यों में राजनीतिक दलों का चुनावी गणित बिगाडेंगे 8 करोड़ व्यापारी, कारोबार बंद करने की भी धमकी, जानिये किन मुद्दों पर हैं नाराज?

नई दिल्ली. कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (CAIT) ने 26 फरवरी के भारत व्यापार बंद के बाद अब जीएसटी (GST) एवं ई कॉमर्स (e-commerce) के मुद्दों पर आगामी 5 मार्च से 5 अप्रैल तक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है. यह देश के सभी राज्यों में एक बृहद आक्रामक राष्ट्रीय अभियान के रूप में चलाया जाएगा.

कैट ने कहा है कि यह दोनों मुद्दे देश के 8 करोड़ व्यापारियों से सीधे रूप से सम्बन्ध रखते हैं और जब तक इन दोनों मुद्दों का तार्किक समाधान नहीं हो जाता तब तक देश भर में व्यापारियों का यह आंदोलन जारी रहेगा. वर्तमान में देश भर के व्यापारी जीएसटी (GST) के प्रावधानों और ई कॉमर्स में विदेशी कंपनियों की लगातार मनमानी से बुरी तरह से त्रस्त हैं. और अब या तो अपनी समस्याओं को हल करवाएंगे या फिर अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होंगे.

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने वीडियो कॉन्फ़्रेन्स के जरिये देश के सभी राज्यों एवं संघशासित प्रदेशों के 275 से ज़्यादा प्रमुख नेताओं के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की. वहीं, सर्वसम्मति से यह निर्णय किया कि इन दोनों मुद्दों पर  जहां केंद्र सरकार से सीधा सवाल जवाब किया जाएगा. वहीं देश की सभी राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती हैं.

कैट ने आरोप लगाते हुए कहा की राज्य सरकारों ने अपने हितों और अपनी हठधर्मिता के चलते जीएसटी के बेहद साधारण कानून एवं नियमों को विकृत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसलिए अब देश के सभी राज्यों को इन मुद्दों पर घेरने का व्यापक एवं आक्रामक अभियान चलाया जाएगा.

कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन (Nirmala Sitharaman) से आग्रह किया है कि क्योंकि वो जीएसटी काउंसिल की अध्यक्ष भी हैं, इस नाते से उनको भी जीएसटी के विकृत स्वरूप को लेकर कैट से वार्ता तुरंत शुरू करनी चाहिए. उधर, दूसरी तरफ ई कॉमर्स के मुद्दे पर केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल (Piyush Goyal के प्रयासों की सराहना की.

कैट ने उनसे आग्रह किया है कि जिस बड़े पैमाने पर अभी भी विदेशी ई कॉमर्स कंपनियां सरकार के नियम एवं कानूनों का खुले आम उल्लंघन कर रही हैं. उस पर लगाम कसने के लिए एफडीआई पालिसी (FDI Policy) के प्रेस नोट 2 की खामियों को दूर करते हुए एक नया प्रेस नोट जारी किया जाए. तथा ई कॉमर्स पालिसी को भी अंतिम रूप देकर उसको भी जारी किया जाए.

अगले कुछ महीनों में 5 राज्यों में चुनाव हो रहे हैं और सभी राज्यों में एक वोट बैंक के रूप में व्यापारी वर्ग अपनी संख्या के बल पर किसी भी दल की हार जीत का कारण बन सकते हैं. इसलिए कैट का यह निर्णय सभी दलों के लिए राजनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है. ऐसे समय में व्यापारियों की नारागजी किसी के लिए महंगी साबित हो सकती है .

जीएसटी और ई कॉमर्स को लेकर कैट के राष्ट्रीय आंदोलन के अगले चरण में 5 मार्च से 5 अप्रैल तक देश भर के व्यापारिक संगठन ‘आंदोलन मास’ के रूप में मनाएंगे जिसके अंतर्गत देश के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन जीएसटी एवं ई कॉमर्स के मुद्दे पर सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, प्रधान सचिव (वित्त), जीएसटी आयुक्त तथा मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन सभी जिलों के कलेक्टरों को देंगे. इसके साथ ही सभी राष्ट्रीय दलों और राज्यस्तरीय दलों के अध्यक्ष को भी अपना ज्ञापन देंगे.

Tags: CAIT, GST law

FIRST PUBLISHED : March 1, 2021, 12:19 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj