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बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस ने नियुक्त किए 4 सलाहकार, कौन हैं वे और भारत को लेकर क्या रहेगा रुख

Yunus govt expands as four new advisors: बांग्लादेश में मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का विस्तार किया गया. शुक्रवार को उनकी टीम में चार और सलाहकार शामिल हुए. नए सलाहकारों में अर्थशास्त्री वहीदुद्दीन महमूद, पूर्व कैबिनेट सचिव अली इमाम मजूमदार, पूर्व बिजली सचिव मुहम्मद फौजुल कबीर खान और लेफ्टिनेंट जनरल (रि.) जहांगीर आलम चौधरी हैं. इन चार के साथ, अंतरिम सरकार की सलाहकार परिषद में सदस्यों की संख्या 21 हो गई. सरकारी नौकरी कोटा सुधारों पर विद्रोह के बीच पिछले हफ्ते शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के चार दिन बाद नोबेल पुरस्कार विजेता यूनुस और 13 अन्य सलाहकारों ने 8 अगस्त को शपथ ली थी. दो सलाहकारों ने 11 अगस्त को और एक ने उसके एक दिन बाद शपथ ली. अधिकांश सलाहकार नागरिक समाज के लोग, शिक्षाविद, गैर सरकारी संगठन से जुड़े हुए हैं,

वहीदुद्दीन महमूद प्रतिष्ठित ढाका विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हैं और वे 1996 की कार्यवाहक सरकार में भी सलाहकार थे. अली इमाम मजूमदार को 12 अगस्त को इस अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के विशेष सहायक के रूप में नियुक्त किया गया था. जबकि जहांगीर आलम  चौधरी बॉर्डर गार्ड, बांग्लादेश के पूर्व महानिदेशक हैं.  सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों के आंदोलन से उत्पन्न बड़े पैमाने पर विद्रोह के कारण शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और 5 अगस्त को गुप्त रूप से भारत के लिए रवाना हो गई थीं. विश्व स्तर पर ‘माइक्रोफाइनेंस के जनक’ के रूप में पहचाने जाने वाले 84 वर्षीय यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने संसद को भंग करने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख घोषित किया था. 

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डॉ. वहीदुद्दीन महमूदडॉ. वहीदुद्दीन महमूद ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की और ढाका विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे. वह बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के पूर्व सदस्य थे और फाइनेंस और योजना मंत्रालय के प्रभारी थे. वह वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र विकास नीति समिति (यूएन-सीडीपी) के सदस्य, साउथ एशियन नेटवर्क ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट्स (एसएएनईआई) के प्रेसीडेंट और बांग्लादेश में इंटरनेशनल ग्रोथ सेंटर के अनुसंधान कार्यक्रम के वरिष्ठ सलाहकार हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में काम किया था. राष्ट्रीय नीति निर्धारण में डॉ. महमूद की अहम भागीदारी रही है.

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के साथ, उन्होंने पल्ली कर्मा सहायक फाउंडेशन (पीकेएसएफ) की स्थापना की और वह इसके साल 2003 से 2013 तक अध्यक्ष रहे. यह बांग्लादेश में एमएफआई/एनजीओ के माइक्रोफाइनेंस कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए एक शीर्ष संस्थान है. वह पीकेएसएफ की सहयोगी संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ माइक्रोफाइनेंस (आईएनएम) के संस्थापक-अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने आर्थिक विकास और आर्थिक नीति पर काफी काम किया और लिखा है. वहीदुद्दीन महमूद को योजना मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया है.

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अली इमाम मजूमदारपूर्व कैबिनेट सचिव अली इमाम मजूमदार को मुख्य सलाहकार डॉ. मुहम्मद यूनुस का विशेष सहायक नियुक्त किया गया है. 1950 में जन्मे मजूमदार 11 फरवरी 1977 को एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बांग्लादेश सिविल सेवा में शामिल हुए. मजूमदार ने 1997 में सिलहट जिले और कॉक्स बाजार जिले के जिला आयुक्त के रूप में कार्य किया. 2004 में, मजूमदार श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव बने. 31 अक्टूबर 2006 को मजूमदार को कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया. 6 दिसंबर 2006 को वह बांग्लादेश के कैबिनेट सचिव बने. मई 2007 में, उन्होंने बांग्लादेश की तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों के पद बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. 19 नवंबर 2007 को कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया. उन्होंने अपनी सरकार को बताया कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा संबंधी दस्तावेज गायब हो गया है. वह सोनाली बैंक के अध्यक्ष भी रहे. मजूमदार 28 नवंबर 2008 को सिविल सेवा से रिटायर हुए.

जहांगीर आलम चौधरीलेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) सखावत हुसैन की जगह ली है. क्योंकि अंतरिम सरकार ने अपनी सलाहकार परिषद में कुछ बदलाव किए हैं. जहांगीर आलम चौधरी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के पूर्व महानिदेशक हैं. जहांगीर आलम के पास गृह मंत्रालय के अलावा कृषि मंत्रालय का भी प्रभार रहेगा.

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मुहम्मद फ़ौज़ुल कबीर खानएक अन्य नए सलाहकार मुहम्मद फ़ौज़ुल कबीर खान को बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय का प्रभार दिया गया है. फ़ौज़ुल कबीर खान के पास ही सड़क परिवहन और पुल मंत्रालय और रेल मंत्रालय का भी जिम्मा है. वह देश के पूर्व बिजली सचिव रहे हैं. कबीर खान ने ढाका विश्वविद्यालय से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में बीए किया और 1989 में अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की. वह अमेरिका की दो यूनिवर्सिटी में इंक्ट्रक्टर रहे. बाद में सिंगापुर यूनिवर्सिटी में सीनियर लेक्चरर रहे. उसके बाद उन्होंने वर्ल्ड बैंक के लिए काम किया. 1998 से 2007 तक वह वर्ल्ड बैंक की एक कंपनी के बांग्लादेश में सीईओ रहे. 2007 से 2009 तक वह  बिजली सचिव रहे.  

यूनुस ने कहा, भारत के साथ बेहतरीन रिश्तों की तमन्ना  भारत के एक न्यूज चैनल टाइम्स नाउ को दिए गए इंटरव्यू में मोहम्मद यूनुस ने कहा, “भारत को बांग्लादेश के लोगों के चुने हुए नेता के साथ काम करना है. हमारे और भारत के बीच रिश्ते बेहतरीन होने चाहिए ना कि ऐसा रिश्ता जिसमें हम दोनों एक दूसरे को शक की नजर से देखें.” बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश में उच्चायुक्त रहीं वीना सीकरी ने कहा, “प्रोफेसर यूनुस को विदेशों में सभी उनके काम के लिए जानते हैं. हमें देखना होगा कि आने वाला समय भारत और बांग्लादेश के लिए कैसा होगा. प्रोफ़ेसर यूनुस के शपथ लेते ही पीएम नरेंद्र मोदी ने तुरंत बधाई दी, ये बताता है कि बांग्लादेश में जो भी सत्ता में हो, भारत उसके साथ काम करना चाहता है.”

Tags: Bangladesh news, Bangladesh PM Sheikh Hasina, Sheikh hasina

FIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 12:56 IST

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