Bhamashah Of The Capital Behind To Beautify The Schools – स्कूलों की सूरत संवारने के राजधानी के भामाशाह पीछे

डोनेट टू स्कूल की रैंकिंग में जयपुर 22वें नंबर
विभाग ने जारी की अगस्त की रैंकिंग
चूरू पहले स्थान पर, भामाशाहों ने 27 लाख 1261 रुपए की मदद

जयपुर, 7 सितंबर।
प्रदेश के स्कूलों की सूरत संवारने के लिए प्रदेश के भामाशाह आगे आ रहे हैं। अगस्त में ज्ञान संकल्प पोर्टल के डोनेट टू स्कूल योजना (Donate to School Scheme of Gyan Sankalp Portal) के तहत प्रदेश के सभी जिलों में भामाशाहों ने कुल मिलाकर 88 लाख 24 हजार 542 रुपए का दान दिया है। जो जुलाई की तुलना में अधिक है। जुलाई में भामाशाहों ने 65 लाख 43 हजार 451 रुपए का दान किया था। लेकिन राजधानी जयपुर लगातार डोनेट टू स्कूल(Donate to School) में पिछड़ रहा है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर गई अगस्त की रैंकिंग में जयपुर जिला 22वें नंबर पर है जबकि जुलाई में जयपुर 18वें नंबर पर था। रैकिंग में पहले नंबर पर चूरू है। चूरू में 129 ट्रंाजेक्शन के माध्यम से भामाशाहों ने स्कूलों के विकास के लिए 2701261 रुपए दान किए हैं। नागौर के भामाशाहों ने 330 ट्रंाजेक्शन के जरिए 1638732 रुपए दान दिए हैं जो दूसरे स्थान पर है। वहीं तीसरे स्थान पर अगस्त में सीकर रहा है यहां दानदाताओं ने 123 ट्रंाजेक्शन के जरिए 528010 रुपए दान किए हैं।
राजधानी जयपुर रैंकिंग में 22वें स्थान पर रहा। यहां 70 ट्रांजेक्शन के जरिए भामाशाहों से 68802 रुपए ही दान किए हैंजो जुलाई से भी कम है।
रैकिंग रकम और ट्रांजेक्शन के हिसाब से
गौरतलब है कि जिलों की रैकिंग रकम और ट्रांजेक्शन के हिसाब से जारी की जाती है। इसमें
इसे करौली जिला आखिरी स्थान पर है। यहां 13 ट्रांजेक्शन के माध्यम से मात्र 1050 रुपए की भामाशाहों से मिली है।
टोंक, भरतपुर,सिरोही भी ऐसे ही जिले हैं जिनकी रकम का आंकड़ा चार अंकों की संख्या को पार नहीं कर पाया है। टोंक30वेंस्थान पर, भरतपुर 31वें, सिरोही 32वें स्थान पर रहे हैं।
बीकानेर,जैसलमेर, बारां, जयपुर, राजसमंद, दौसा, जोधपुर, झालावाड़, जालौर, धौलपुर और सवाई माधोपुर में दानदाताओं से मिलने वाली 1 लाख रुपए की राशि को पार नहीं कर पाई है।
यह है डोनेट टू स्कूल योजना
ज्ञान संकल्प पोर्टल में डोनेट टू स्कूल योजना के जरिए दानदाता देश में कहीं से भी स्कूल की सुविधाओं के लिए दान करते है। योजना की शुरुआत 6 अगस्त 2017 से हुई थी। योजना में दान करने वालों को टैक्स में भी छूट मिलती है। अगर भामाशाह राशि के स्थान पर विकास कार्य करवाना चाहे तो इसकी सुविधा भी इस योजना में है। एसडीएमसी के खाते में रकम जमा हो जाती है फिर स्कूल की विकास प्रबंध समिति उससे विकास कार्य करती है। ज्ञान संकल्प पोर्टल की मदद से भारत का कोई भी नागरिक ऑनलाइन सरकारी स्कूलों को दान दे सकता है।
जिला…….हस्तांतरण ……… राशि (रुपए में)
चूरू ……..129 ……..2701261
नागौर……..330……. 1638732
सीकर ……123……. 528010
हनुमानगढ़…34……. 469570
बांसवाड़ा….328…….. 327067
पाली……….262…… 293304
अजमेर …..549………279849
चित्तौड़………133…… 264848
झुंझुनू………….86 … 257281
प्रतापगढ़……..449 …. 241258
भीलवाड़ा……..728 …. 188571
अलवर……….324 …. 173176
बाड़मेर ………123…… 146587
डूंगरपुर…………102…. 135794
उदयपुर…………193.. …. 129602
कोटा …………110 …. 125827
श्रीगंगानगर……….74 …. 117271
बूंदी……………661….. 107198
बीकानेर…………74…… 97031
जैसलमेर………399…….. 94345
बारां………….6……. 75000
जयपुर ……….70……… 68802
राजसमंद………89……. 68721
दौसा ………….172… 67747
जोधपुर…………49…. 56860
झालावाड़……….161…… 48611
जालौर …………139…. 46479
धौलपुर…………..29.. 42560
सवाई माधोपुर…..12……. 21000
टोंक ………….12… 6950
भरतपुर…………8…. 2780
सिरोही ……….5…… 1400
करौली ………13……. 1050
कुल राशि………5974……. 8824542