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Thar Express Running Between India Pakistan Is Closed For Two Years – जानिए दो साल से क्यों बंद है भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को जोड़ती रेलगाड़ी थार एक्सप्रेस

थार एक्सप्रेस में चार लाख यात्रियों ने किया 14 साल में सफर।
थार एक्सप्रेस से 800 यात्री-जाते आते है हर हफ्ते।
9 अगस्त 2019 को आखिरी बार भगत की कोठी से पाकिस्तान गई थी थार एक्सप्रेस।

बाड़मेर । पाकिस्तान में हिन्दुओं के जबरन धर्म परिवर्तन के साथ बहन-बेटियों से निकाह की घटनाएं बढ़ी है। सिंध से लेकर कराची तक दो साल पहले बड़ी संख्या में हिन्दू परिवार भारत आकर सुकून पा रहे थे लेकिन अब यह रास्ता भी बंद हो गया है। भारत आए पाक विस्थापित मुसीबत के इस दौर में अपनों से मिलकर दिलासा देना भी चाहे तो मुश्किल है क्योंकि दो साल पहले थार एक्सप्रेस (Thar Express) को बंद कर दिया गया है, जिसमें हर हफ्ते करीब आठ सौ लोग दोनों मुल्कों के बीच में सफर कर रहे थे।

क्यों हुई बंद-
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 निष्क्रिय करने के बाद भारत-पाक संबंधों में तनाव हुआ और रिश्तों की रेल को बंद कर दिया गया। ट्रेन आखिरी फेरा 9 अगस्त 2019 को भगत की कोठी से पाकिस्तान गया था, जो वापस पाकिस्तान से 10 अगस्त को रवाना होकर 11 अगस्त को जोधपुर आया था। यह रेल जोधपुर से रवाना होती, जो बाड़मेर के मुनाबाव (अंतिम रेलवे स्टेशन ) पहुंचती है। जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे प्लेटफार्म है।

1965 के बाद खुला था मार्ग-
1965 के युद्ध से पहले भारत-पाकिस्तान रेल का संचालन जोधपुर से कराची तक होता था।
1965 के युद्ध में पटरियां क्षतिग्रस्त हो गई और रेल बंद
18 फरवरी 2006 को 41 साल बाद इस रेल को पुन: प्रारंभ किया गया था
थार रेल में अब तक 4 लाख से अधिक यात्री दोनों ओर से यात्रा कर चुके हैं।









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