मुर्गियों को भाया इस शहर का बाजरा, हरियाणा-पंजाब में भारी डिमांड, किसानों की हुई चांदी

मोहित शर्मा/ करौलीः राजस्थान के अलवर का बाजरा अब पंजाब और हरियाणा की मुर्गियों का पसंदीदा दाना बन गया है, जिससे किसानों को भी अच्छा मुनाफा मिल रहा है. बाजरे के साथ अलवर का नाम न सिर्फ राजस्थान में, बल्कि देश के कई हिस्सों में फैल रहा है. इस साल लगातार बारिश के कारण बाजरे के रंग में थोड़ा फर्क आया है, लेकिन इसके बावजूद किसानों को पिछले साल के मुकाबले 100 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा दाम मिल रहे हैं, जिससे अलवर के स्थानीय किसान खुश नजर आ रहे हैं. इस खुशी का मुख्य कारण है कि अलवर की धरती पर उगने वाला बाजरे का दाना खासतौर से पंजाब और हरियाणा की मुर्गियों का सबसे फेवरेट भोजन बन चुका है.
इसी वजह से अलवर के बाजरे की सबसे अधिक मांग पंजाब और हरियाणा के पोल्ट्री फार्म में हो रही है, जहां मुर्गियों को खिलाने के लिए इसे सबसे अच्छा माना जाता है. इसके अलावा, बहरोड़ और अन्य क्षेत्रों की शराब फैक्ट्रियों में भी इसकी खासी मांग है. इस साल अलवर जिले में 1 लाख 46 हजार 460 हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरे की खेती हुई है, जो पिछले साल के आंकड़ों से थोड़ा कम है.
मुर्गियों के लिए पहली पसंदराजस्थान के प्रमुख बाजरा उत्पादक जिलों में शुमार अलवर का बाजरा पूरे देश में मशहूर है. हरियाणा और पंजाब के पोल्ट्री फार्म में अलवर के बाजरे की विशेष मांग है. यही वजह है कि वहां की मुर्गियों के लिए यह पहली पसंद बना हुआ है.
इस साल फसल में कुछ देरीराजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश जलालपुरिया ने Local18 को बताया कि अलवर मंडी में प्रतिदिन लगभग 15 से 20 हजार कट्टे बाजरे की आमद हो रही है. हालांकि, इस साल फसल में कुछ देरी हुई है, क्योंकि मानसून के दौरान बारिश ज्यादा होने के कारण इस बार बाजरे का रंग थोड़ा पीला पड़ गया है. मंडी में 70 प्रतिशत पीला और 30 प्रतिशत सफेद बाजरा आ रहा है, जबकि पिछले साल इसके विपरीत स्थिति थी. अलवर मंडी में फिलहाल बाजरे के दाम 1900 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं. सफेद बाजरा ज्यादा कीमत पर बिक रहा है, जबकि नमी वाले बाजरे के दाम कुछ कम हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 30, 2024, 12:13 IST