Rajasthan

नरेगा योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले श्रमिकों और अधिकारियों की खैर नहीं, गड़बड़ी पाए जाने पर होंगे ब्लैकलिस्ट

राहुल मनोहर/ सीकर: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है. फर्जी हाजिरी** के जरिए सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने वाले श्रमिकों, मेट और अधिकारियों पर अब सख्त कार्रवाई होगी. राज्य नरेगा विभाग ने सभी जिलों में इस गड़बड़ी पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.

फर्जी मस्टररोल का पर्दाफाशहाल ही में नरेगा कार्यों की समीक्षा में सामने आया कि मस्टररोल में मृत व्यक्तियों, शहरों में रहने वाले कर्मचारियों, सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के परिजनों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं. इससे न केवल वास्तविक श्रमिकों को उनका मेहनताना नहीं मिल पा रहा, बल्कि सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान हो रहा है.

विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक– मेट और स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत कई मामलों में उजागर हो चुकी है.– कई जिलों में यह फर्जीवाड़ा बरसों से चला आ रहा है और कार्रवाई के बाद भी यह फिर शुरू हो जाता है.

मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम भी विफलफर्जीवाड़ा रोकने के लिए पंचायतीराज विभाग ने नरेगा योजना में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया था.– अधिकारियों और कर्मचारियों ने नेट कनेक्टिविटी का बहाना बनाकर इसे भी विफल कर दिया.– इसके चलते गड़बड़ियां पहले की तरह जारी हैं.

जिलेवार प्रभारी लगाए जाएंगेफर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए अब जिलेवार प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे.– ये प्रभारी मस्टररोल की नियमित जांच करेंगे.– दोषी पाए जाने पर:– मेट को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.– दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

केन्द्रीय स्तर पर बढ़ा ऑडिट दबावनरेगा योजना में केन्द्रीय स्तर पर ऑडिट के दौरान गड़बड़ियों की संख्या बढ़ने पर यह सख्ती दिखाई जा रही है. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब नरेगा में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की कोशिश की गई है.– पिछले प्रयास अधिकतर कागजी साबित हुए हैं.– इस बार विभाग स्थायी समाधान के लिए ठोस रणनीति बना रहा है.

सरकारी धन और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा प्राथमिकताफर्जी मस्टररोल के चलते न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि वास्तविक श्रमिकों के अधिकार भी प्रभावित हो रहे हैं. राज्य सरकार की यह नई पहल श्रमिकों को उनका न्यायसंगत मेहनताना दिलाने और नरेगा के कार्यों को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए अगर यह नई व्यवस्था प्रभावी ढंग से लागू होती है, तो नरेगा योजना में पारदर्शिता आएगी और श्रमिकों को उनका हक मिलेगा.

Tags: Local18, Rajasthan news, Sikar news

FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 17:27 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj