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कोटा में क्यों मर रहे हैं मगरमच्छ, 4 दिन में चार की रहस्यमयी मौत से उठा पर्दा, साइंटिस्ट ने बताया असली कारण

कोटाः राजस्थान के कोटा में मगरमच्छों के लिए चंद्रलोई नदी काल बन गई है. यहां एक बाद एक मगरमच्छ काल के गाल में समा रहे हैं. पिछले चार दिनों में चार की मौत हो चुकी है. मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. उनकी मौत के कारण रहस्यमय बना हुआ है. इस नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं. ऐसे में लगातार मगरमच्छ की मौत से वन विभाग चिंता में है. अब पर्यावरणविद ने इसके पीछे की बड़ी वजह बताई है.

एक्सपर्ट में चार दिन में चार की मौत को असामान्य मान रहे थे. यह नदी मगरमच्छ की शरणस्थली मानी जाती है. इसमें बड़ी संख्या में मगरमच्छ रहते हैं. चन्द्रेसल मठ के पास ही 50 से अधिक मगरमच्छ नजर आते हैं. अब उनकी मौत को लेकर पर्यावरणविद का कहना है कि मगरमच्छ की मौत नदी में बढ़ते पॉल्यूशन की वजह से हो रही है. क्योंकि इस नदी में भारी मात्रा में इंडस्ट्रियल केमिकल वेस्‍ट और म्‍युनिसिपल डिस्‍चार्ज हो रहा है. जिसकी वजह से मगरमच्छों की मौत हो रही है.

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बता दें कि, 30 नवंबर को रायपुरा नाले के पास 60 साल का मगरमच्छ मृत अवस्था में मिला था. मगरमच्छ के पैरो में गहरे घाव थे. टेरिटोरियल फाइट से मौत की आशंका बताई गई थी. फिर अगले ही दिन 01 दिसंबर को खेडली पांड्या गांव में एनीकट में चंद्रलोई नदी में एक साथ दो मगरमच्छ मृत मिले थे. इनमें एक नर और एक मादा थी. जिसमें नर की आयु 9 और मादा की आयु 7 साल बताई गई थी. इसके बाद मंगलवार को भी एक मगरमच्छ की मौत हो गई थी.

पोस्टमार्टम में क्या मिला?बता दें कि, शनिवार को रायपुर नाले में मगरमच्छ मृत होने की सूचना विभाग को मिली थी. लाडपुरा रेंज के अधिकारी और कार्मिक घटनास्थल पर पहुंचे थे. जहां मृत मिले मगरमच्छ का पोस्टमार्टम पशु चिकित्सालय के उपनिदेशक डॉ. अखिलेश कुमार पांडे ने किया था. पोस्टमार्टम में मगरमच्छ के पेट से कांच के टुकड़े-पत्थर मिले थे. घटनास्थल के पास ही उसका अंतिम संस्कार किया गया था.

Tags: Kota news, Rajasthan news, Wild life

FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 10:24 IST

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