Rajasthan

बिश्नोई समाज की शान है ये महिला, 12 KM की पैदल जाकर की पढ़ाई, अब बनीं पहली कॉलेज लेक्चरर

बाड़मेर:- जिस वक्त घर के पास के स्कूल से पांचवी की पढ़ाई के बाद आठवीं की पढ़ाई के लिए 12 किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ता था, तब उस बच्ची ने ठान लिया था कि शिक्षा के क्षेत्र में वह अपना परचम फहराकर समाज के लिए प्रेरणा बनेगी. हाल ही में आए कॉलेज लेक्चरर की सूची में अपना नाम दर्ज करवाकर रामेश्वरी विश्नोई ने इतिहास रच दिया है.

अनोखी है रामेश्वरी विश्नोई की कहानीकहते हैं कि जो हालातों के सामने घुटने नहीं टेकता और किस्मत से लड़कर मेहनत करता है, उसके सामने सफलता भी नतमस्तक हो जाती है. कुछ ऐसी ही कहानी रामेश्वरी विश्नोई की है. रामेश्वरी पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर में विश्नोई समाज की पहली महिला है, जिसने इस मुकाम को हासिल किया है. किसान पिता धीमाराम की सीख और पति जगदीश विश्नोई की सलाह के चलते रामेश्वरी ने किताबों से कभी अपना नाता नहीं तोड़ा.

यही वजह रही कि बीए प्राइवेट करने के बाद साल 2005 में बीएड करने के दो साल बाद ही तृतीय श्रेणी शिक्षक के लिए साल 2007 में वह चयनित हो गई. साल 2015 में प्रथम श्रेणी शिक्षक में उसका चयन हो गया. वहीं साल 2023 की कॉलेज लेक्चरर की भर्ती परीक्षा में हिंदी विषय मे उनका चयन हुआ है.

ये भी पढ़ें:- 2 साल पहले ही बना था दूल्हा, 25 दिन की बेटी से छिन गया पिता का साया, जयपुर अग्निकांड की दर्दनाक कहानी

सहयोगी ने कुछ अलग करने की दी प्रेरणारामेश्वरी लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताती हैं कि उनके सहयोगी गोविंद राम, बड़ी मां जेति देवी और ज्ञानेश ने हमेशा उसे कुछ अलग करने की प्रेरणा दी, जिसके चलते उसने समाज की भीड़ से कुछ अलग कर दिखाया है. रामेश्वरी वर्तमान में राउमावि अरणियाली में व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं.

Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 10:47 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj