The Crook Who Cheated As A Fake Police Inspector Arrested – फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बनकर ठगी करने वाला बदमाश गिरफ्तार

आरोपी के कब्जे से चार वर्दी, तीन मोबाइल, फर्जी आईडी कार्ड बरामद

झोटवाड़ा थाना पुलिस ने फर्जी पुलिस इंस्पेक्टर बनकर रिजर्व पुलिस लाइन के नाम से खरीदारी करने वाले बदमाश को पकड़ लिया। एक किराणा कारोबारी पर रौब झाड़ने के लिए शातिर ठग पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर डिपार्टमेंटल शॉप पर चला गया। वहां अपनी फर्जी आईडी की कॉपी के साथ ही पुलिस लाइन के लैटरपेड पर पुलिस कमिश्नर व एसपी के नाम से मुहर लगी सामान की लिस्ट भी थमा दी। संदेह होने पर व्यवसायी ने अपने परिचित पुलिस वालों से बातचीत की तब ठगी का खुलासा हुआ। पुलिस ने उसके कब्जे से से चार वर्दी, तीन मोबाइल, दो लग्जरी कार, अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के फर्जी आई कार्ड, मोहरें व लैटर हेड बरामद किए हैं।
थानाप्रभारी घनश्याम सिंह राठौड़ ने बताया कि किराणा व्यवसायी मनीष रावत ने रिपोर्ट में बताया है कि उनकी झोटवाड़ा में कमानी रोड पर डिपार्टमेंटल शॉप है। उनकी दुकान पर पिछले करीब तीन-चार महिने से एक ग्राहक सामान खरीदने आ रहा था। वह उनके यहां बिल्कुल नया ग्राहक था। पीड़ित के मुताबिक पुलिस इंस्पेक्टर बने राहुल शेखावत ने बताया कि 15 दिउसने तीन चार महीनों में अपने बारे में कुछ नहीं बताया। वही ग्राहक अचानक 14 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे पुलिस की वर्दी में खरीदारी करने मनीष रावत की दुकान पर पहुंचा। ठग ने तीन स्टार वाली पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहन रखी थी। उसकी नेम प्लेट पर राहुल शेखावत लिखा हुआ था। अचानक युवक को वर्दी में देखकर व्यवसायी मनीष रावत भी चौंक गए। बातचीत में पुलिस इंस्पेक्टर बने ठग ने मनीष रावत को बताया कि वह पुलिस लाईन चांदपोल का इंचार्ज लगा हैं। पुलिस लाईन की मैस के लिये अब हम आपसे ही सामान लेना चाहते है। हम पहले चांदपोल से सामान लेते थे। लेकिन उससे बिगाड़ हो गया है।
न में करीब 25 क्विटंल आटा व इसी के हिसाब से अन्य राशन का सामान की डिमांड रहेगी। पुलिस लाईन मैस में हर रोज 5000 जवान खाना खाते है। उसने बताया कि तीन जगह पुलिस लाईन चांदपोल, पुलिस लाईन जलमहल के सामने व राजमहल के लिये राशन चाहिए। राशन डिलीवरी के लिए वह खुद गाड़ी लेकर आएगा। डिलीवरी के तीन दिन बाद पेमेंट चैक से करेगा। ठग ने यह भी कहा कि वह 15 अक्टूबर को 500 रुपए के स्टाम्प पर एग्रीमेंट कर जाउंगा और राशन की लिस्ट दे जांउगा। वह 15 अक्टूबर को दुकान पर आया। उसने मनीष रावत को तीन लेटर सौंपे, जिसके साथ राशन की सूची लगी हुई थी। वह देकर चला गया। ये तीनों लैटर, कार्यालय रिजर्व पुलिस लाइन, चांदपोल के नाम से बने थे। इसके नीचे जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर शहर की सील लगी हुई थी।
शक हुआ तो परिचित पुलिसकर्मी को दी जानकारी
आरोपी ने दुकानदार को सामान का ऑर्डर दिया और पहुंचाने की बात कहकर चला गया। दुकान मालिक को शक हुआ तो उसने परिचित पुलिसकर्मी को इस संबंध में बताया। तस्दीक की गई तो उक्त पुलिसकर्मी के जालसाज होने का पता चला। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से आरोपी की पहचान की गई। दुकान के आस-पास सादावर्दी में पुलिसकर्मी तैनात किए गए। आरोपी दुकान पर पहुंचा, तभी उसे पकड़ लिया।
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