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Organ Donation: राजस्थान में साल का पहला अंगदान, मौत से लड़ते-लड़ते एम्स जोधपुर में शांति ने कायम की मिसाल, अलविदा कहते-कहते 3 लोगों को दी नई जिंदगी

Last Updated:March 14, 2025, 12:13 IST

Organ Donation: शांति देवी ने ब्रेनडेड होने के बाद अपने अंगदान से पांच लोगों को नई जिंदगी दी. उनके परिवार ने इस उदारता से मानवता की मिसाल पेश की और समाज को प्रेरित किया.X
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जिंदगी की जंग हार कर भी जीत गई शांति देवी 

हाइलाइट्स

शांति देवी ने अंगदान से दी 5 लोगों को नई जिंदगीब्रेनडेड होने के बाद शांति देवी का अंगदानपरिवार ने अंगदान से मानवता की मिसाल पेश की

जोधपुर. राजस्थान में बाड़मेर जिले के चौहटन की रहने वाली शांति देवी (58) ने अपनी मौत के बाद भी दूसरों को जीवन देकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया. करीब एक महीने पहले शांति देवी को ब्रेन हेमरेज हुआ था, जिसके चलते उन्हें राजकीय अस्पताल और फिर जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया. पिछले दस दिनों से उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी. जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया.

शव पर फूल व पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी सोनी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष घेवरचंद सोनी ने बताया- एक माह से बीमार थे.10 दिन तक बाड़मेर हॉस्पिटल में भर्ती रहें. यहां से फिर डॉक्टरों ने जोधुपर एम्स हॉस्पिटल भेज दिया. 15 दिन से एम्स में भर्ती है. परिवार व समाज के लोगों से विचार-विमर्श किया गय. तब सबने कहा कि अंगदान करना पुण्य काम है. आज सुबह 5 बजे ऑपरेशन करके उनके 5 ऑर्गन अंगदान किए. इसके बाद बॉडी सुपुर्द की गई. बच्चों ने कहा कि मेरी मां की आंखें किसी के काम आए. इसके सहित पांच अंगों का अंगदान किया गया.

परिवार ने दिखाई मानवता और उदारता शांति देवी के बेटे ने कहा कि मां के ब्रेनडेड होने के बाद उनके अंगदान से किसी को नई जिंदगी मिले, यह हमारे लिए गर्व की बात है. उनके देहांत के बाद भी उनका नाम अमर रहेगा. शांति देवी के परिवार का मुख्य व्यवसाय ज्वैलरी का है. उनके परिवार में पति भेराराम और दो बेटे हैं. शांति देवी के परिवार ने अपने फैसले से समाज में यह संदेश दिया कि अंगदान न केवल किसी को नई जिंदगी दे सकता है, बल्कि जीवन के बाद भी अमरत्व प्राप्त करने का सबसे बड़ा कार्य है. उनके इस कदम ने मानवता की असली मिसाल पेश की है.बाड़मेर पहुंचने पर की पुष्पाजंलि अर्पितशांतिदेवी की बॉडी बाड़मेर शहर पहुंचने पर जगदम्बा मंदिर के आगे एम्बुलेंस को रुकवाकर फूल बरसाए गए. वहीं फूल व पुष्प चक्र अर्पित कर महिलाओं और समाज के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की गई.


Location :

Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan

First Published :

March 14, 2025, 12:13 IST

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जिंदगी की जंग हार कर भी 3 लोगों को दी नई जिंदगी, शांति ने कायम की मिसाल

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