नौकरी को लात, खेती में ठाठ: कुदरती खाद के जादू से रेगिस्तान में लहलहा रहे चीकू-संतरा, कंडक्टर से ऐसे बने किसान

Last Updated:March 31, 2025, 17:48 IST
माधोसिंह राजपुरोहित ने सरकारी नौकरी छोड़ खेती शुरू की और जैविक खाद व देशी बीजों से संतरा, चीकू, अनार, अंजीर, आम और ड्रैगन फ्रूट्स की सफल खेती की. अब विदेशी व्यापारी भी उनके खेतों में आते हैं.X
बागवानी में किसान माधोसिंह
हाइलाइट्स
माधोसिंह ने कंडक्टर की नौकरी छोड़ खेती शुरू कीकुदरती खाद से चीकू और संतरे की बम्पर फसलजैविक खेती से विदेशों से व्यापारी आ रहे हैं
बाड़मेर. कहते हैं कि जब इंसान के भीतर कुछ कर गुजरने का जुनून पैदा हो जाता है तो वह अपनी मंजिल तक पहुंचने का रास्ता खुद बना लेता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है बालोतरा जिले के सिलोर गांव के रहने वाले माधोसिंह राजपुरोहित ने. कभी राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम में बस कंडक्टर की सरकारी नौकरी करने वाले माधोसिंह ने अपनी जिंदगी को एक नया मोड़ देने का फैसला लिया और नौकरी छोड़कर अपने गांव में खेतीबाड़ी शुरू कर दी.
गांव की मिट्टी से उनका पुराना नाता था और खेती के प्रति माधोसिंह का लगाव बचपन से ही रहा. कृषि विषय में पढ़ाई के दौरान वे अक्सर दूसरों के खेतों में जाकर बागवानी और खेती के गुर सीखते थे लेकिन जब उन्होंने खुद इस क्षेत्र में कदम रखा तो इसे महज शौक तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया. नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने अपने खेतों में कुदरती खाद और देशी बीजों के साथ खेती शुरू कर दी. शुरुआत में चुनौतियां आईं लेकिन उनका हौसला नहीं डगमगाया.
कुदरती खाद के साथ देशी बीजों से खेती बाड़ी के बाद उन्हें बागानी का शौक चढ़ा और उन्होंने अपने खेत मे संतरे और चीकू के पांच साल पहले पौधे लगाए. आज चीकू और संतरा के दर्जनों से ज्यादा पौधे पेड़ बन चुके है और बम्पर फसल देने लगें है. कभी खुद कृषि विषय की पढ़ाई के दौरान लोगो के खेतों में जाकर बागानी देखते थे आज विशेषज्ञ माधोसिंह राजपुरोहित के खेत में आकर उनके काम को देखकर तारीफ किए बिना नही रह पाते है.
माधोसिंह राजपुरोहित ने लोकल18 से खास बातचीत करते हुए बताते है कि उन्होंने घर पर ही देशी खाद से बागवानी की है. उन्होंने 3 बीघा जमीन में चीकू, संतरा, अनार, अंजीर , आम और ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे लहलहा रहे है. वह बताते है कि जैविक खाद की वजह से विदेशो से सीधे उनके खेत मे व्यापारी पहुँच रहे है जिससे उनकी मेहनत का मेहताना मिल जाता है.
Location :
Barmer,Rajasthan
First Published :
March 31, 2025, 17:48 IST
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कुदरती खाद के जादू से रेगिस्तान में लहलहा रहे चीकू-संतरा, कंडक्टर से बना किसान