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biggest hospital jhunjhunu doctor success story

Last Updated:April 12, 2025, 17:27 IST

ग्रामीण परिवेश से आने वाले डॉ. भांबू किसान परिवार से हैं. प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव अलीपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा शहीद कर्नल जेपी जानू उच्च माध्यमिक विद्यालय झुंझुनूं से प्राप्…और पढ़ेंX
सफलता
सफलता की कहानी

हाइलाइट्स

ऊंट गाड़ी वाले का बेटा बना झुंझुनूं अस्पताल का प्रमुख.डॉ. जितेंद्र भांबू ने पिता का आशीर्वाद लेकर पदभार संभाला.डॉ. भांबू ने कई चिकित्सा कार्यक्रमों में अहम भूमिका निभाई.

झुंझुनूं:- अलीपुर गांव में ऊंट गाड़ी चलाकर जीवन यापन करने वाले के बेटे को झुंझुनूं जिले के सबसे बड़े राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल में पीएमओ पद की जिम्मेदारी मिली है. चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियुक्ति आदेश जारी करने के बाद अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भांबू ने पदभार संभाला. उन्होंने अपने पिता सुलतान सिंह भाम्बू का आशीर्वाद प्राप्त कर कार्यग्रहण किया.

ग्रामीण परिवेश से आने वाले डॉ. भांबू किसान परिवार से हैं. प्रारंभिक शिक्षा अपने ही गांव अलीपुर के राजकीय माध्यमिक विद्यालय तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा शहीद कर्नल जेपी जानू उच्च माध्यमिक विद्यालय झुंझुनूं से प्राप्त की. चिकित्सकीय कोर्स जीएमकेएमसी, सेलम से किया गया. शिशु रोग विशेषज्ञ की पढ़ाई आरएनटी चिकित्सा महाविद्यालय, उदयपुर से पूरी की.

कई बार हो चुके हैं सम्मानितजितेन्द्र भांबू लंबे समय तक प्रशासनिक कार्यों से जुड़े रहे हैं. निशुल्क दवा योजना, सांस कार्यक्रम जागरूकता, टीकाकरण कार्यक्रम, डेंगू नियंत्रण में अहम भूमिका निभा चुके हैं. कोरोनाकाल के दौरान बीडीके अस्पताल में बेहतर चिकित्सा मैनेजमेंट के लिए सराहना मिली और कई बार सम्मानित हुए. गणतंत्र दिवस पर भी उल्लेखनीय चिकित्सा सेवाओं के लिए उन्हें सम्मनित किया गया.

पिता की मेहनत लाई रंगडॉ. जितेंद्र भांबू ने कहा कि अब उनकी प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीज को समय पर इलाज उपलब्ध करवाना रहेगा. अस्पताल की सुविधाओं को और बेहतर किया जा सके, ताकि बाहर से आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. अपनी सफलता के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उन्होंने हमेशा ही अपने पिता से प्रेरणा ली है. उनके पिता उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए जी तोड़ मेहनत करते थे.

गांव में उस समय जब वे प्रारंभिक शिक्षा हासिल कर रहे थे, उनके पिता ऊंट गाड़ी से मेहनत करके परिवार का गुजारा करते थे. उनकी मेहनत की बदौलत आज वे इस पद पर पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि एक माता-पिता अपने बच्चों की सफलता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. उन्हीं के आशीर्वाद से आज उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी जिले की मिली है.

Location :

Jhunjhunu,Rajasthan

First Published :

April 12, 2025, 17:27 IST

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पिता की मेहनत लाई रंग, आज बेटा बना जिले के सबसे बड़े हॉस्पिटल का प्रमुख

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