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घर से 300 KM दूर पहुंचा शख्स, अचानक जीने लगा लग्जरी लाइफ, कमाए 400 करोड़, तरीका सन्न रह गई पुलिस – man suddenly start living luxurious life earns 400 crores rupees unbelievably bharatpur cops got stunned to know reality police gaming cyber fraud

दीपक पुरी. भरतपुर. भरतपुर में एमबीए मामा और इंजीनियर भांजे ने 400 करोड़ रुपये की ज्यादा की ठगी को अंजाम दे डाला. भरतपुर रेंज वॉर रूम की टीम ने मामले का खुलासा किया है. 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा ठगी की संभावना है. दिल्ली और बंगलौर में फर्जी गेमिंग और इन्वेस्टमेंट की कंपनी बनाकर करोड़ों का फर्जीवाड़ा किया. दोनों ने अपनी गैंग बनाई. फर्जी गेमिंग, इन्वेस्टमेंट कंपनी बनाकर सैकड़ों लोगों को अपने जाल में फंसाया. पुलिस ने पति-पत्नी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

भरतपुर रेंज आईजी राहुल प्रकाश ने बताया, ‘आरोपी रविंद्र सिंह उम्र 54 साल मूल रूप से बलिया उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. फिलहाल दिल्ली के द्वारका इलाके में रहता है. दूसरा आरोपी दिनेश सिंह (49) पुत्र दीनानाथ भी बलिया का रहने वाला है. वह भी दिल्ली के मोहन गार्डन इलाके में रहता है. दिनेश की पत्नी कुमकुम (38) भी ठगी में शामिल है. उसे भी गिरफ्तार किया गया है.’

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ऐसे हुआ मामले का खुलासा6 मार्च को साइबर थाना धौलपुर पर हरिसिंह नाम के व्यक्ति ने 1930 डायल कर फिनो पेमेंट बैंक के खाते के खिलाफ साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई थी. 1930 पर मिलने वाली शिकायतों का एनालिसिस के लिए रेंज साइबर वाररूम बना हुआ है. इस मामले की जब तहकीकात की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया, ‘जिस फिनो पेमेंट बैंक के खिलाफ शिकायत दी गई थी, उसके खिलाफ 1930 पर पहले से ही 3000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज थीं. टीम गठित कर फिनो पेमेंट बैंक की डिटेल खंगाली गई. धौलपुर के शिकायतकर्ता हरि सिंह के 35 लाख रुपये रुकनेक इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (गुरुग्राम हरियाणा), सेलवा कृष्णा आईटी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड(चेन्नई, तमिलनाडु), एसकेआरसी इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड (ठाणे, महाराष्ट्र) और नित्यश्री मेनपावर एंड कॉन्ट्रेक्ट वर्क्स (नागापट्‌टीनम, तमिलनाडु) में ट्रांसफर किए गए थे.’

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया, ‘सबसे पहले तो चारों कंपनियों के बैंक खातों को फ्रीज किया गया. इन खातों में करीब 4 करोड़ की राशि फ्रीज है. आरोपी दिनेश और कुमकुम रुकनेक इंटरप्राइजेज कंपनी के डायरेक्टर निकले. आरोपी गेमिंग ऐप के फर्जी लिंक, शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर ठगी करते थे. पिछले चार माह में इन अकाउंट्स में 400 करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ है.’

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया, ‘गैंग का सरगना रविंद्र सिंह एमबीए तक पढ़ा है. रविंद्र सिंह का भांजा शशिकांत भी ठगी गैंग में शामिल था. आरोपियों ने फर्जी पते पर कंपनियां खोलीं. फर्जी सिम कार्ड लिए. दिनेश और कुमकुम ने रुकनेक के अलावा चार और कंपनियां रजिस्टर्ड करा रखी थी. सभी के अलग-अलग बैंक खाते हैं. मास्टरमाइंड रविंद्र सिंह आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को लालच देकर उनसे दस्तावेज लेकर फर्जी कंपनी खुलवा देता था. कंपनी के नाम से बैंक खाते खुलवाता. कंपनी रजिस्टर्ड होने के बाद फर्जी गेमिंग ऐप और निवेश का झांसा देकर ठगी करता था.’

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