This fruit available in market for only two months know benefits

Last Updated:May 15, 2025, 15:52 IST
सफेद जामुन बेहद कम उपलब्ध होने वाला मौसमी फल है. जून से लेकर अगस्त तक ही इन्हें बाज़ार में देखा जाता है. पश्चिम चम्पारण सहित बिहार के कुछ ज़िलों में इसकी खेती की शुरुआत की गई है.X
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
गुलाब जामुन फल बिहार में भी उगाया जा रहा है.यह फल साल में सिर्फ दो महीने ही बाजार में मिलता है.गुलाब जामुन के औषधीय गुण सेहत के लिए फायदेमंद हैं.
पश्चिम चम्पारण:- कुछ ही दिनों में बाज़ार में एक ऐसे फल का दीदार होने लगेगा, जिसे स्वाद और स्वास्थ्य, दोनों के लिए बेहद उम्दा माना जाता है. रोज एप्पल, वॉटर एप्पल और गुलाब जामुन के नाम से प्रसिद्ध यह फल पूरे साल में सिर्फ दो महीने ही बाज़ार में दिखाई देता है. मुख्य रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में फलने वाले इस फल की बागवानी अब बिहार में भी होने लगी है.
सूबे के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित बगहा 02 प्रखंड के मंगलपुर निवासी कृषक कल्याण शुक्ला और मझौलिया प्रखंड निवासी कृषक रविकांत पांडे ने इस फल की सफल बागवानी की है. कृषक होने के साथ-साथ रविकांत न्यूट्रीशनल वैल्यू एक्सपर्ट भी हैं. इसलिए उन्होंने गुलाब जामुन के औषधीय गुणों की विस्तृत जानकारी साझा की है.
बिहार के कुछ ज़िलों में शुरू हुई बागवानी रविकांत लोकल 18 को बताते हैं कि सफेद जामुन बेहद कम उपलब्ध होने वाला मौसमी फल है. जून से लेकर अगस्त तक ही इन्हें बाज़ार में देखा जाता है. पश्चिम चम्पारण सहित बिहार के कुछ ज़िलों में इसकी खेती की शुरुआत की गई है. शुरुआत में इसका रंग हरा होता है, जो पकने के बाद गुलाबी और सफेद हो जाता है. कोई इसे सलाद में शामिल कर खाता है, तो कोई डेसर्ट के लिए टॉपिंग के रूप में इस्तेमाल करता है. मीठा होने की वजह से आप इसे कई प्रकार के व्यंजनों में भी उपयोग कर सकते हैं.
500 रुपए किलो तक पहुंच जाती है कीमतबता दें कि रविकांत कृषक होने के साथ फलों के न्यूट्रीशनल वैल्यू एक्सपर्ट भी हैं. उनका कहना है कि सफेद जामुन न केवल अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, बल्कि ये हमारे सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट जैसे गुण पाए जाते हैं, जो अंदरूनी अंगों को जवान रखने के साथ त्वचा की खूबसूरती और पाचन में सहायक होते हैं.
मार्च के महीने में पेड़ मंजर से भर जाते हैं और अप्रैल के आखिरी तक पेड़ों पर फल लटकने लगते हैं. मॉनसून आने से पहले फलों की तुड़ाई कर ली जाती है और फिर उसे बाज़ारों में बेच दिया जाता है. कम उपलब्धता के साथ औषधीय गुणों से भरपूर होने की वजह से बाज़ार में इसकी कीमत 500 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाती है.
ये भी पढ़ें:- जब रक्षक बन जाए भक्षक, तो आम जनता की कौन करेगा मदद? पूर्णिया पुलिस की इस हरकत को सुन आप भी चौंक जाएंगे!औषधीय गुणों से भरपूर है यह फल इतना ही नहीं, विशेषज्ञों द्वारा इसके बीजों को न फेंकने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. गुलाब जामुन के फल के बीज का सेवन शरीर में नए सेल्स के निर्माण में मदद करती है. बीज को चूर्ण में तब्दील कर सेवन में लाने से ब्लड शुगर स्तर कंट्रोल होता है, जिससे डायबिटीज़ को कंट्रोल करने में सहायता मिलती है.
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बाजार में सिर्फ दो महीने मिलता है यह फल, दिख जाए तो छोड़ने की न करें भूल!
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.