Jhalawar School Accident: भारी बारिश का कहर, स्कूल की छत गिरने से 5 की मौत! गांव में मची चीख-पुकार

झालावाड़: राजस्थान के झालावाड़ जिले में सोमवार को तेज बारिश के कारण एक दर्दनाक हादसा हो गया. जिले के एक गांव में स्थित सरकारी स्कूल की जर्जर छत भरभराकर गिर गई, जिसके मलबे में दबकर चार लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद पूरे गांव में मातम और दहशत का माहौल बन गया.
झालावाड़ जिले में बीते कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है. बारिश के कारण कई पुराने और कमजोर इमारतें खतरे में आ गई हैं. हादसे वाला स्कूल भवन पहले से ही जर्जर अवस्था में था और स्थानीय लोगों ने कई बार छत की सीलन और कमजोरी की शिकायत की थी. बावजूद इसके, मरम्मत या पुनर्निर्माण का कोई कार्य नहीं किया गया.
सोमवार को जब तेज बारिश हो रही थी, तभी कुछ लोग बारिश से बचने के लिए स्कूल परिसर में शरण लिए हुए थे. तभी अचानक छत भरभराकर गिर पड़ी, जिससे वहां मौजूद लोग मलबे में दब गए.
4 की मौके पर ही मौतछत गिरने की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने का प्रयास शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों की मदद से चार शव मलबे से निकाले गए, जबकि कुछ अन्य घायल अवस्था में पाए गए जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को कई बार स्कूल की हालत की जानकारी दी गई थी, लेकिन समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की गई.
प्रशासन ने किया मुआवजे का ऐलानहादसे की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. जिला कलेक्टर ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है. साथ ही, घायलों को निशुल्क इलाज की सुविधा भी दी जा रही है.
प्रशासन का कहना है कि पूरे जिले में पुराने और जर्जर भवनों की जांच कराई जाएगी, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
गांव में पसरा मातमइस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है. पीड़ित परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल है. ग्रामीणों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि यदि समय रहते छत की मरम्मत कर दी जाती, तो यह हादसा टाला जा सकता था.
यह हादसा सरकार और प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि जर्जर भवनों की अनदेखी लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है.