क्या आपको पता है राजस्थान की महिलाएं क्यों पहनती है पैरों में चांदी के कड़े, जानिए यहां

Last Updated:October 12, 2025, 17:27 IST
राजस्थान की महिलाएं पैरों में मोटे चांदी के कड़े पहनती हैं, जो न केवल एक पारंपरिक आभूषण हैं, बल्कि आस्था, स्वास्थ्य और सौंदर्य का अद्भुत संगम भी हैं. चांदी को शुभ, शीतल और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर धातु माना जाता है, जो शरीर को ठंडक देने, रक्त संचार सुधारने और नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकालने में सहायक होती है. ये कड़े महिलाओं की सामाजिक स्थिति, मेहनत और सादगी के प्रतीक हैं.
राजस्थान की महिलाएं पैरों में मोटे चांदी के कड़े पहनती हैं, जो उनकी पहचान का एक अहम हिस्सा हैं. यह परंपरा केवल आभूषण या श्रृंगार से जुड़ी हुई नहीं है, बल्कि राजस्थान की आत्मा और संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई है. राजस्थान की महिलाएं पैरों में मोटे चांदी के कड़े इसलिए पहनती हैं क्योंकि यह आस्था, स्वास्थ्य और सौंदर्य तीनों का अद्भुत संगम है. पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही यह प्रथा आज भी उतनी ही सम्मानित है, जितनी पहले थी.

राजस्थान में यह मान्यता है कि सोना देवताओं और मां लक्ष्मी से जुड़ा हुआ है. इसी कारण पैरों में सोना पहनना अपशकुन माना जाता है, इसलिए महिलाएं पैरों के गहनों में चांदी का ही प्रयोग करती हैं, क्योंकि चांदी को शुभ और पवित्र धातु माना जाता है. चांदी को शुद्ध, शीतल और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाली धातु कहा गया है.

चांदी के कड़े केवल सुंदरता नहीं बढ़ाते, बल्कि शरीर को ठंडक भी प्रदान करते हैं. चांदी के ये कड़े केवल धार्मिक कारणों से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी बेहद फायदेमंद माने जाते हैं.<br />कहा जाता है कि पैरों में चांदी पहनने से शरीर की गर्मी संतुलित रहती है, नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है और रक्त संचार बेहतर होता है. इसी वजह से इन्हें पहनना एक तरह से प्राकृतिक चिकित्सा के समान लाभ प्रदान करता है.

गांवों में महिलाएं भारी-भरकम चांदी के कड़े पहनती हैं जो मेहनत और सादगी का प्रतीक हैं. इन मोटे कड़ों को बड़े गर्व और साज-सज्जा के रूप में भी पहनती हैं. चलते वक्त इन कड़ों से निकलने वाली हल्की झंकार न सिर्फ मधुर लगती है, बल्कि यह उनकी उपस्थिति का भी प्रतीक मानी जाती है. यह झंकार और उनकी चाल में आने वाली लय राजस्थान की लोक संस्कृति को और भी जीवंत बना देती है.कई बार इन्हें सामाजिक स्थिति और पारिवारिक सम्मान का चिन्ह भी माना जाता है.

राजस्थान की इस परंपरा में आस्था, स्वास्थ्य और सौंदर्य का अनोखा संगम देखने को मिलता है, चांदी के कड़े अब केवल गहना नहीं, बल्कि एक विरासत बन चुके हैं. यह परंपरा राजस्थान की महिलाओं की गरिमा और संस्कृति की एक अनमोल झलक प्रस्तुत करती है.
First Published :
October 12, 2025, 17:27 IST
homerajasthan
महिलाओं की संस्कृति, स्वास्थ्य और सौंदर्य का प्रतीक है चांदी के कड़े



