Health Tips: खरपतवार नहीं जादू ! चिरचिटा के औषधीय गुण बनाते हैं शरीर को शक्तिशाली और रोगमुक्त

Last Updated:October 24, 2025, 13:15 IST
Health Tips: प्रकृति में पाए जाने वाला चिरचिटा एक औषधीय पौधा है, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर देते हैं. आयुर्वेद में यह पेट, त्वचा, थकान और संक्रमण जैसी समस्याओं में बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसके पत्ते, बीज और तना कई रोगों के उपचार में काम आते हैं. नियमित उपयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और शरीर स्वस्थ रहता है.
सीकर : प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. ऐसा ही एक पौधा है चिरचिटा, अक्सर लोग इसे सामान्य खरपतवार मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन वास्तव में ये पौधे औषधीय गुणों से भरपूर है. यह खेतों, रास्तों और बाड़ों के किनारों पर उगता है और आयुर्वेद में इसे कई रोगों के उपचार में बेहद उपयोगी माना गया है. इसके उपयोग से अनेकों आयुर्वेदिक दवाएं भी बनती हैं.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि चिरचिटा एक प्रकार की जंगली घास होती है. इसके पत्ते, जड़, बीज और तना औषधि के रूप में काम आते हैं. पत्तों को पीसकर चोट, सूजन या जलन वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है. वहीं इसके बीज और पत्तों का उपयोग पेट से संबंधित बीमारियों जैसे गैस, बदहजमी और अपच में राहत देने के लिए किया जाता है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर का कहना है कि चिरचिटा डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद है. इसके काढ़े का सेवन करने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और थकान कम होती है. चिरचिटा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण पाए जाते हैं, जो संक्रमण को फैलने से रोकते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.

उन्होंने बताया कि चिरचिटा के पत्ते और तने को पीसकर लगाने से सूजन, घाव और दर्द में राहत मिलती है. इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व मौजूद होते हैं जो मांसपेशियों की जकड़न को कम करते हैं. इसका रस या लेप चोट, मोच और जलन की स्थिति में भी कारगर होता है. नियमित उपयोग से त्वचा को ठंडक और आराम महसूस होता है.

चिरचिटा का सेवन पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है. इसके पत्तों और बीजों से बना काढ़ा या रस कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है. यह पेट की सफाई के साथ-साथ भूख बढ़ाने में भी मदद करता है. वहीं जिन लोगों को बार-बार पेट फूलने या पाचन की गड़बड़ी की समस्या होती है, उनके लिए यह औषधि बहुत उपयोगी मानी जाती है.

त्वचा संबंधी रोगों में चिरचिटा एक उपयोगी घरेलू उपचार साबित होता है. इसके रस को फुंसियों, दाद, खुजली और त्वचा संक्रमण वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है. यह त्वचा को साफ और रोगाणुरहित बनाता है. साथ ही इसके सेवन से खून की अशुद्धि दूर होती है और त्वचा पर प्राकृतिक चमक आती है. यह घावों को जल्दी भरने में भी मददगार है.

आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि चिरचिटा पेशाब की रुकावट और जलन जैसी समस्याओं में राहत देते हैं. यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है. इसके साथ ही महिलाओं में मासिक धर्म के दर्द को कम करने और हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में भी इसका प्रयोग किया जाता है. आयुर्वेद में इसे शरीर की शुद्धि और रोगों से सुरक्षा का उत्तम माध्यम बताया गया है.
First Published :
October 24, 2025, 13:15 IST
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खरपतवार नहीं जादू! चिरचिटा के गुण बनाएं शरीर शक्तिशाली और रोगमुक्त



