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भगवान शिव को नोटिस! सीएमओ के संज्ञान में पहुंचते ही अधिकारी सस्पेंड; पूरी कहानी चौंकाने वाली

Last Updated:November 28, 2025, 17:51 IST

Notice To Lord Shiv In Rajasthan : न्यूज 18 राजस्थान की खबर पर JDA अधिकारी अरुण कुमार पूनिया को भगवान शिव की मूर्ति को नोटिस देने पर निलंबित किया गया, मुख्यमंत्री कार्यालय ने त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए.

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भगवान शिव को नोटिस का मामला; सीएमओ के संज्ञान में पहुंचते ही अधिकारी सस्पेंड!राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (फाइल फोटो)

जयपुर. न्यूज 18 राजस्थान की खबर का बड़ा असर सामने आया है. जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार पूनिया को उस समय तत्काल निलंबित कर दिया गया, जब भगवान शिव की मूर्ति को नोटिस जारी करने की कार्रवाई मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में पहुंची. मामला प्रशासनिक कामकाज में गंभीर लापरवाही से जुड़ा हुआ है, और सरकार ने इसे राजकाज के प्रति जानबूझकर की गई घोर उपेक्षा माना है.

सूत्रों के मुताबिक, जैसे ही यह मामला मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से ऊपर तक पहुंचा, मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके बाद JDA सचिव निशांत जैन ने प्रवर्तन अधिकारी अरुण पूनिया को निलंबन आदेश जारी कर दिया. आदेश में साफ लिखा गया कि अधिकारी का यह कदम कर्तव्य विमुखता और स्वेच्छाचारिता का परिचायक है, जो सरकारी कार्यप्रणाली की मर्यादा और संवेदनशीलता के खिलाफ है.

कैसे शुरू हुआ विवाद और क्यों बढ़ा मामलाJDA प्रवर्तन अधिकारी द्वारा भगवान शिव की स्थापित प्रतिमा को नोटिस जारी किए जाने की जानकारी सामने आते ही स्थानीय स्तर पर विरोध और सवाल उठने लगे थे. नोटिस की भाषा और संदर्भ को लेकर यह आरोप लगा कि अधिकारी ने धार्मिक प्रतीक को लेकर असंवेदनशीलता दिखाई. देखते ही देखते मामला सोशल मीडिया और स्थानीय चैनलों पर तेजी से फैल गया.

न्यूज 18 राजस्थान ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, जिसके बाद JDA की कार्यशैली पर भी सवाल उठे कि किस आधार पर धार्मिक स्थल को नोटिस जारी किया गया. रिपोर्ट के प्रभाव में मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल स्थिति की जानकारी ली और जांच के बाद गलती पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की गई.

निलंबन क्यों बना अनिवार्य, आदेश में क्या कहा गया
निलंबन आदेश में साफ लिखा गया कि प्रवर्तन अधिकारी अरुण पूनिया का यह कृत्य सरकारी सेवा नियमों के विरुद्ध है और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना संवेदनशीलता व विवेक का इस्तेमाल किए कार्रवाई की. आदेश में यह भी उल्लेख है कि अधिकारी ने जानबूझकर राजकाज में लापरवाही बरती, जो ‘स्वेच्छाचारिता का धोतक’ माना गया. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है और आगे विभागीय जांच जारी रहेगी.

सरकार का कठोर संदेश: धार्मिक भावनाओं पर लापरवाही बर्दाश्त नहींइस कार्रवाई को सरकार ने एक स्पष्ट संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े मामलों में अधिकारी किसी भी तरह की कठोर या असंवेदनशील कार्रवाई ना करें. JDA में इससे पहले भी इस तरह के विवादों पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार कार्रवाई की तीव्रता बताती है कि सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और संवेदनशीलता को लेकर सख्त रवैया अपना रही है.

About the AuthorAnand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

November 28, 2025, 17:51 IST

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भगवान शिव को नोटिस का मामला; सीएमओ के संज्ञान में पहुंचते ही अधिकारी सस्पेंड!

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