Rajasthan

10 हजार बड़े बकाएदारों पर सख्ती कर खजाना भरेंगी शहरी सरकारें

जयपुर। नगरीय विकास कर की वसूली पर दोनों ही शहरी सरकारें अब सख्ती करने जा रही हैं। अगले तीन महीने में दोनों शहरी सरकारें करीब 60 करोड़ रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य लेकर चल रही हैं। हालांकि, अब तक 40 करोड़ रुपए दोनों निगम वसूल कर चुके हैं। राजस्व शाखा के अधिकारियों की मानें तो 75 करोड़ रुपए का लक्ष्य कम्पनी को दिया गया है, लेकिन 100 करोड़ रुपए का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
दरअसल, विकास कार्यों को गति देने के लिए निगम के पास बजट नहीं है। नगरीय विकास कर निकाय की आय का स्रोत का सबसे बड़ा जरिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए निगम ने सख्ती से वसूली करना शुरू किया है।

ऐसे होगा सर्वे, 10 हजार से अधिक लोग
हाल ही में दोनों नगर निगमों के साथ नगरीय विकास कर वसूल करने वाली कम्पनी स्पैरो के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई। इसमें साफ कर दिया कि बड़े बकाएदारों पर सख्ती अपनाते हुए वसूली की जाए। जोन वाइन बड़े बकाएदारों की सूची तैयार करवाई जा रही है। इसमें एक से तीन लाख, दूसरे चरण में तीन से पांच और तीसरे चरण में पांच से 10 लाख और उसके बाद 10 लाख से अधिक टैक्स बकाएदारों पर कार्रवाई की जाएगी।

कम्पनी नहीं दे पा रही सर्वे को गति
जिस स्पैरो कम्पनी को निगम ने सर्वे से लेकर नगरीय विकास कर वसूली का काम दिया था। कम्पनी को एक वर्ष से अधिक काम करते हुए हो गया, लेकिन अब तक सर्वे का काम गति नहीं पकड़ पाया है। अब तक कम्पनी ग्रेटर नगर निगम में 1.5 लाख और हैरिटेज नगर निगम में 71 हजार का ही सर्वे कर पाई है। जबकि, कम्पनी को पहले वित्तीय वर्ष में 3.60 सर्वे करने थे।

फैक्ट फाइल—
—2.2 लाख सर्वे अब तक कम्पनी कर चुकी है राजधानी में
—38 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया जा चुका है अब दोनों निकायों में
—10 लाख से अधिक 260 बकाएदार हैं राजधानी के दोनों नगर निगमों में
—40 करोड़ तो तो सरकारी महकमों पर निगम के हैं बकाया

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