गहलोत सरकार की तीसरी वर्षगांठ को भव्य मनाने की तैयारी, पेश होगा घोषणाओं का रिपोर्ट कार्ड | Preparations to celebrate the third anniversary of Gehlot government
-राजधानी जयपुर में होगा प्रदेश स्तरीय भव्य आयोजन, एक सप्ताह तक जिलों में भी होंगे जिला स्तरीय कार्यक्रम, 17 दिसंबर को पूरे हो रहे हैं सरकार के 3 साल
जयपुर
Published: December 14, 2021 11:10:06 am
जयपुर। राज्य की गहलोत सरकार अपनी तीसरी वर्षगांठ पर भव्य आयोजन करने जा रही है। राजधानी जयपुर में प्रदेश स्तरीय बड़ा आयोजन होगा, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के तीन 3 साल के कामकाज का ब्यौरा और जन घोषणा पत्र के वादों का रिपोर्ट कार्ड जनता के बीच पेश करेंगे। सरकार की तीसरी वर्षगांठ पर होने वाले आयोजनों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं।
secretariat
प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम के अलावा 1 सप्ताह तक सभी जिलों में भी जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। दरअसल गहलोत सरकार के 17 दिसंबर को 3 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर राजधानी जयपुर में जहां प्रदेश स्तरीय भव्य आयोजन होगा तो वहीं सभी जिलों में अभी आयोजन होंगे, जिसमें सरकार की उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। बताया जाता है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी भागों से कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मांगा है। इसके अलावा कोरोना काल में सरकार की ओर से किए गए कामकाज की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। जिसे जनता के बीच रखा जा सके।
1 सप्ताह तक मंत्री रहेंगे जिलों में
17 दिसंबर को जहां प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम जयपुर में होगा तो वहीं सभी मंत्रियों को अपने अपने प्रभार वाले जिलों में और प्रभारी सचिवों को भी प्रभार वाले जिलों में भेजा जाएगा। बताया जाता है कि जल्द ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार भी दिया जाएगा।
मिशन 2023 पर फोकस
सरकार के 3 साल पर हो रहे भव्य आयोजन की एक वजह 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव भी हैं। जहां पर सत्तारूढ़ कांग्रेस अपने जन घोषणापत्र के वादों उपलब्धियों और कोरोना काल में सरकार की ओर से किए गए कामकाज को जनता के बीच रखेगी, जिससे कि 2 साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में फिर से जनता को अपने पक्ष में ले सकें।गौरतलब है कि गहलोत सरकार ने अपनी दूसरी वर्षगांठ पर जन घोषणा पत्र के करीब 60 फ़ीसदी वादों को पूरा करने का दावा किया था, अब देखने वाली बात है कि तीसरी वर्षगांठ पर जन घोषणा पत्र के कितने पूरे किए गए हैं और कितने अभी लंबित हैं।
अगली खबर