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राजस्थान में Single Use Plastic पर प्रतिबंध, फिर भी निकल रहा है 20 टन प्लास्टिक कचरा, जिम्मेदार मौन ? | Single Use Plastic Ban In Rajasthan 20 Tone Garbage Of Plastic

कहने को तो प्रदेश में वर्ष 2010 से प्लास्टिक कैरी बैग्स का प्रयोग बैन कर दिया गया था, लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते आज भी मंडियों और दुकानों पर प्लास्टिक का जमकर प्रयोग किया जा रह है। यही नहीं नगर निगम और जिला प्रशासन की आंख के नीचे खुले में प्लास्टिक कैरी बैग्स की खरीद—फरोख्त भी हो रही है, लेकिन दोनों ही विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

जयपुर

Updated: December 20, 2021 05:55:41 pm

जयपुर। कहने को तो प्रदेश में वर्ष 2010 से प्लास्टिक कैरी बैग्स का प्रयोग बैन कर दिया गया था, लेकिन लचर कार्यप्रणाली के चलते आज भी मंडियों और दुकानों पर प्लास्टिक का जमकर प्रयोग किया जा रह है। यही नहीं नगर निगम और जिला प्रशासन की आंख के नीचे खुले में प्लास्टिक कैरी बैग्स की खरीद—फरोख्त भी हो रही है, लेकिन दोनों ही विभाग कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।

राजस्थान में Single Use Plastic पर प्रतिबंध, फिर भी निकल रहा है 20 टन प्लास्टिक कचरा, जिम्मेदार मौन ?

राजस्थान में Single Use Plastic पर प्रतिबंध, फिर भी निकल रहा है 20 टन प्लास्टिक कचरा, जिम्मेदार मौन ?

जयपुर की हैरिटेज और ग्रेटर नगर निगम में रोजाना 1500 टन कचरा उठाया जा रहा है, जिसमें 20 टन से ज्यादा प्लास्टिक का कचरा है। यह साफ जाहिर कर रहा है कि प्लास्टिक पर बैन के बावजूद आदेश की पालना शहर में नहीं हो रही है। सालभर में एक या दो बार अभियान चलाकर इतिश्री कर ली जाती है। जबकि आज भी शहर की सब्जी मंडियों में प्लास्टिक बैग्स में ही सब्जियां दी जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में भी प्लास्टिक करी बैग्स का जमकर प्रयोग किया जा रहा है।

अलग से नहीं उठता प्लास्टिक कचरा शहर से उठने वाले 1500 टन कचरे में प्लास्टिक का कचरा कितना है, इसकी कोई मात्रा तय नहीं है। मगर शहर की कई संस्थाएं नगर निगम के कचरे से प्लास्टिक बीनकर इसका निस्तारण कर रही हैं। इनकी तरफ से दी गई रिपोर्ट के अनुसार प्लास्टिक कचरे की मात्रा करीब 20 टन रोजाना आ रही है।

5 साल सजा, एक लाख जुर्माने का प्रावधान राजस्थान में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर 1 अगस्त, 2010 से पूर्ण रूप से रोक लगी थी। इसके लिए बनाए नियमों के तहत अगर किसी व्यक्ति को इसका उपयोग करते पकड़ा गया तो उस पर 5 साल की सजा एवं 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

गायों के लिए बनी काल, ग्रेटर निगम ने फिर किए आदेश जारी प्रदेश में कई सरकारें बदल गई, लेकिन आज भी धड़ल्ले से पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है। ये प्लास्टिक गोमाता की मौत का कारण भी बन रही है। नगर निगम जयपुर ग्रेटर की मेयर शील धाभाई ने पिछले दिनों जब हिंगौनिया गौशाला का दौरा किया और वहां बने हॉस्पिटल में जानकारी ली तो उनके भी होश उड़ गए। एक दिन पहले ही एक गाय का ऑपरेशन कर उसके पेट से 25 किलो अपशिष्ठ निकाला, जिसमें बड़ी मात्रा प्लास्टिक कैरिबैग्स निकला। इसके देखने के बाद मेयर ने नगर निगम अधिकारियों को प्लास्टिक कैरिबेग्स के उपयोग करने वालों पर विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए थे, मगर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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