Rajasthan
कोरोना का कोहराम, कांग्रेस के कंट्रोल रूम हुये असहाय, पीड़ितों को मदद नहीं केवल दिलासा दे रहे हैं Rajasthan News- Jaipur News-Corona era- congress control room become helpless


कांग्रेस नेता भी मजबूर होकर अब पल्ला झाड़ने लगे हैं.
Congress control room become helpless : प्रदेश में कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिये कांग्रेस की ओर से स्थापित किये गये कंट्रोल रूम भी लगातार बिगड़ते हालात के आगे बेबस नजर आ रहे हैं. वे लोगों को मदद की एवज में केवल दिलासा दे रहे हैं.
जयपुर. कोरोना काल (Corona era) में कांग्रेस ने कोरोना पीड़ितों की मदद के लिये हाथ तो बढ़ा दिया, लेकिन वह सिवाय दिलासा के उन्हें कुछ नहीं दे पा रही है. कोरोना पीड़ितों की सहायता के लिये कांग्रेस ने प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम (Control room) की स्थापना के बाद अब ज्यादातर जिलों में भी कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी है. लेकिन ये कंट्रोल रूम परिस्थितियों के आगे असहाय (Helpless) नजर आ रहे हैं. कंट्रोल रूम पर शिकायतें तो खूब मिल रही हैं लेकिन ज्यादातर समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है. हालांकि कंट्रोल रूम के पदाधिकारी दावा इससे उलट कर रहे हैं. दरअसल कंट्रोल रूम पर ज्यादातर शिकायतें ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के साथ ही अस्पतालों में बेड की अनुपलब्धता को लेकर आ रही हैं. लाख प्रयासों के बावजूद संभव नहीं हो पा रहा है मरीजों के लिए इन चीजों का बंदोबस्त करना लाख प्रयासों के बावजूद संभव नहीं हो पा रहा है. मरीज और उनके परिजन यह सोचकर की प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है तो शायद कांग्रेस के जरिए ही उन्हें राहत मिल पाए. इसलिये वे कंट्रोल रूम में फोन करते हैं. लेकिन परिस्थितियां जिस तरह की बन गई हैं उनमें इन सब चीजों का आसानी से बंदोबस्त नहीं हो पा रहा है.हर दिन मिल रही सौ से ज्यादा शिकायतें जिस तरह की शिकायतें कांग्रेस कंट्रोल रूम में मिल रही हैं उनका निस्तारण कर पाना वर्तमान हालात में कांग्रेस नेताओं की पहुंच से बाहर है. कंट्रोल रूम में तैनात पदाधिकारी चाहकर भी लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं. हर रोज प्रदेश स्तरीय कंट्रोल रूम में सौ से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ती भी जा रही है. कांग्रेस नेता भी मजबूर होकर पल्ला झाड़ लेते हैं
प्राप्त शिकायतों में से 60 से 70 फीसदी तक शिकायतें ऑक्सीजन, बेड, रेमडेसिविर और दूसरी जीवन रक्षक दवाइयों को लेकर आ रही है. कंट्रोल रूम से इन शिकायतों को लेकर संबधित अधिकारियों से संपर्क किया जाता है लेकिन अधिकारी कोई मदद नहीं कर पाते. आखिरकार कांग्रेस नेता भी मजबूर होकर पल्ला झाड़ लेते हैं. खास तौर से प्राइवेट हॉस्पिटल्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान कंट्रोल रूम नहीं कर पा रहा है. बैठक में भी उठा था मसला हाल ही में कांग्रेस की वर्चुअल बैठक भी हुई थी. इसमें भी कांग्रेस नेताओं ने समस्याओं से अवगत करवाया था कि संबधित अधिकारियों को शिकायतें भेजने पर भी समाधान नहीं होता है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कंट्रोल रूम से आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात भी कही थी लेकिन हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ है.
प्राप्त शिकायतों में से 60 से 70 फीसदी तक शिकायतें ऑक्सीजन, बेड, रेमडेसिविर और दूसरी जीवन रक्षक दवाइयों को लेकर आ रही है. कंट्रोल रूम से इन शिकायतों को लेकर संबधित अधिकारियों से संपर्क किया जाता है लेकिन अधिकारी कोई मदद नहीं कर पाते. आखिरकार कांग्रेस नेता भी मजबूर होकर पल्ला झाड़ लेते हैं. खास तौर से प्राइवेट हॉस्पिटल्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान कंट्रोल रूम नहीं कर पा रहा है. बैठक में भी उठा था मसला हाल ही में कांग्रेस की वर्चुअल बैठक भी हुई थी. इसमें भी कांग्रेस नेताओं ने समस्याओं से अवगत करवाया था कि संबधित अधिकारियों को शिकायतें भेजने पर भी समाधान नहीं होता है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कंट्रोल रूम से आ रही शिकायतों को गंभीरता से लेने की बात भी कही थी लेकिन हालात में कोई खास सुधार नहीं हुआ है.