if not coal, then serious power crisis | बिजलीघरों में कोयला संकट…ऊर्जा मंत्री की मोदी सरकार के इन दिग्गज मंत्रियों को दो टूक

Coal Crisis
जयपुर
Published: February 17, 2022 06:00:49 pm
भवनेश गुप्ता
जयपुर। प्रदेश के बिजलीघरों में कोयला संकट की स्थिति गहराती जा रही है। बिजलीघरों में 2 से 7 दिन का कोयला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात की है। गहलोत ने बघेल से छत्तीसगढ़ में आवंटित कोयला खदान के दूसरे फेज में जल्द खनन अनुमति देने की फिर जरूरत जताई। इस बीच ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी और ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल बुधवार को दिल्ली पहुंचे। भाटी और अग्रवाल ने केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह और केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। उन्होंने दोनों मंत्रियों को साफ कर दिया कि समय रहते अतिरिक्त कोयला और परिवहन के लिए ज्यादा रैक उपलब्ध नहीं हुई तो राजस्थान को गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है।

छत्तीसगढ़ भी जा सकते हैं ऊर्जा मंत्री और एसीएस
छत्तीसगढ़ सरकार में अटकी स्वीकृति के मामले में ऊर्जा मंत्री और अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा जल्द ही छत्तीसगढ़ भी जा सकते हैं। छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस की ही सरकार है और राजस्थान में भी कांग्रेस की ऐसे में मंत्री स्तर पर वार्ता कर आपसी सहमति से समस्या का समाधान किया जा सकता है। इसके अलावा रेल मंत्री से कोयला परिवहन के लिए अतिरिक्त रैक उपलब्ध कराने की जरूरत जताई।
तकनीकी कारण सें बंद है तीन यूनिट
राज्य विद्युत उत्पादन निगम के बिजलीघरों में से कुल 750 मेगावाट क्षमता की तीन यूनिट बंद है। छबड़ा में 250 मेगावाट की एक और सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में 250—250 मेगावाट की दो यूनिट तकनीकी कारण से बंद है। निगम के अफसरों का दावा है कि कोयले की कमी के कारण किसी भी यूनिट से बिजली उत्पादन बंद नहीं है।
रेल मंत्री को बताए हालात
संचार भवन में रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मिले और कोयला आपूर्ति के लिए पर्याप्त रिक्त रैक उपलब्ध नहीं होने के कारण कोयला स्टॉक में दिक्कत की जानकारी दी। राजस्थान में कोल इंडिया से जुड़े बिजलीघर कोटा में 7.4 दिन, सूरतगढ़ में 3 दिन, एवं छाबड़ा में कोयला स्टॉक केवल 1.7 दिन के लिए ही उपलब्ध है। जबकि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के नए मानदंडों के अनुसार 26 दिन तक का कोयला स्टॉक होना जरूरी है।
-दिल्ली के श्रम शक्ति भवन मेंं केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से मुलाकात हुई। राजस्थान भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सौभाग्य योजना की समय सीमा 30 सितम्बर 2023 तक बढ़ाने की जरूरत जताई। समय सीमा कम होने के कारण प्रदेश में 210843 आवासों के विद्युतीकरण के लक्ष्य की तुलना में केवल 36121 आवासों का ही विद्युतीकरण हो पाया है।
-राजस्थान में गोडावन के संरक्षण के साथ अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना में आ रही बाधा को दूर करने के लिए भी कहा।
-मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के सीएम से बात कर जल्द खनन की अनुमति की जरूरत जताई है। कोयला मंत्री से नहीं मिल पाए,लेकिन दिल्ली में केन्द्रीय उर्जा मंत्री और रेल मंत्री से मुलाकात कर बिजलीघरों में कोयले स्टॉक की स्थिति बता दी। उन्होंने जल्द समाधान के लिए आश्वस्त किया है। -भंवर सिंह भाटी, ऊर्जा मंत्री
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