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After Violence in Jahangirpuri of Delhi, Vikaspuri see a shobhayatra | Violence in Delhi Jahangirpuri : एक और शोभायात्रा, लहराए तलवार-चाकू, दिल्ली में 21 गिरफ्तार, संजय राउत-राज ठाकरे की म्यान से निकले बयान

दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा के बाद दिल्ली के विकासपुरी में भी एक शोभायात्रा के वीडियो वायरल हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस शोभायात्रा में लोग तलवार और चाकू लहराते नजर आए हैं। वहीं हाल की कुछ सांप्रदायिक हिंसा के बाद अब इस पर सियासत तेज हो गई है। महाराष्ट्र में विशेष रूप से लाउडस्पीकर के मुद्दे पर नेताओं ने अपने बयान म्यान से निकाल लिए हैं और ये बयान सोशल मीडिया के माध्यम से लहरा रहे हैं।

जयपुर

Updated: April 18, 2022 08:32:06 am

जयपुर। देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा के 24 घंटे के अंदर ही रविवार को विकासपुरी में भी शोभायात्रा निकाली गई। विकासपुरी में निकाली गई इस शोभायात्रा में एक बार फिर तलवार, चाकू जैसे धारदार हथियार देखने को मिले। शोभायात्रा में शामिल कुछ लोग हवा में तलवार, चाकू और दूसरे हथियार लहराते नजर आए। इस घटना एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में लोगों का एक समूह हाथों में धार्मिक झंडे लेकर शोभायात्रा निकालते हुए देखा जा सकता है। झंडों के साथ ही कुछ लोग हाथों में तलवार को भी लहरा रहे हैं । विकासपुरी में यह शोभायात्रा ऐसे वक्त में निकाली गई है, जब जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन निकली शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर तनाव बना हुआ है।

दिल्ली में जहांगीरपुरी हिंसा में 21 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब विकासपुरी की शोभायात्रा ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।

दिल्ली में जहांगीरपुरी हिंसा में 21 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब विकासपुरी की शोभायात्रा ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।

आरोपी का गोली चलाते वीडियो आया सामने
बता दें इसके पहले जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती पर निकाली गयी शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा को लेकर 21 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य साजिशकर्ता और एक अन्य व्यक्ति असलम शामिल है जिसने कथित रूप से गोली चलायी थी जो एक उप-निरीक्षक को लगी थी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि घटना के सिलसिले में दो नाबालिग को भी पकड़ा गया है। ये भी जानकारी है कि एक ऐसा वीडियो भी सामने आया है जिसमें आरोपी असलम गोली चलाते दिख रहा है।

पुलिस ने बताया कि उसने जहांगीरपुरी के सीडी पार्क में एक झुग्गी बस्ती निवासी मोहम्मद असलम (21) के पास से एक पिस्तौल भी बरामद की है, जिसका उसने शनिवार की शाम अपराध के दौरान कथित तौर पर इस्तेमाल किया था। पुलिस ने बताया कि शनिवार की शाम दो समुदायों के बीच हुई झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था। पुलिस ने बताया कि इस दौरान कुछ वाहनों को आग भी लगा दी गई थी।

पुलिस उपायुक्त (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने कहा कि शनिवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 120 बी, 147 और अन्य प्रासंगिक धाराओं और शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रंगनानी ने कहा क‍ि कुल 21 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और दो किशोरों को पकड़ा गया है। आरोपी व्यक्तियों के कब्जे से तीन आग्नेयास्त्र और पांच तलवार जब्त की गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि मामला अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया है जो जिला पुलिस की मदद से मामले में आगे की जांच करेगी।

आरोपी से पिस्‍तौल भी बरामद
रंगनानी ने कहा क‍ि आरोपियों में से एक की पहचान मोहम्मद असलम के रूप में हुई है, जिसने एक गोली चलायी थी जो दिल्ली पुलिस के एक उपनिरीक्षक को लगी थी। आरोपी द्वारा अपराध में इस्तेमाल की गई पिस्तौल उसके कब्जे से बरामद कर ली गई है। उन्होंने कहा कि असलम को जहांगीरपुरी पुलिस थाने में 2020 में भारतीय दंड संहिता की धारा 324, 188, 506, 34 के तहत दर्ज मामले में भी शामिल पाया गया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए 21 व्यक्तियों में जहांगीरपुरी का रहने वाला अंसार (35) भी शामिल है, जो हिंसा के पीछे कथित मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।

अधिकारी ने कहा कि वह पहले हमले के दो मामलों में शामिल पाया गया और उसे निवारक धाराओं के तहत कई बार गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि जुआ अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत उसके खिलाफ पांच बार मामला दर्ज किया गया था। अंसार की पत्नी ने संवाददाताओं से कहा कि उसका पति बेगुनाह है और वह किसी हिंसा में शामिल नहीं था। उसने दावा किया क‍ि मेरा पति निर्दोष है। वह किसी भी हिंसा का हिस्सा नहीं है। वह केवल बीचबचाव करने और लड़ाई रोकने के लिए वहां गया था लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

मामले में अभी और लोगों की हो रही पहचान
डीसीपी रंगनानी ने कहा कि जहांगीरपुरी निवासी सलीम (36) को भी गिरफ्तार किये जाने के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 21 हो गई। उन्होंने कहा कि सलीम उर्फ चिकना पहले भी लूट और हत्या के प्रयास के मामले में संलिप्त पाया गया है, जो जहांगीरपुरी थाने में दर्ज है। गिरफ्तार किए गए 18 अन्य लोगों की पहचान जाहिद (20), शाहजाद (33), मुख्तयार अली (28), मोहम्मद अली (18), आमिर (19), अक्सर (26), नूर आलम (28), जाकिर (22), अकरम (22), इम्तियाज (29), मोहम्मद अली (27), अहीर (35), शेख सौरभ (42), सूरज (21), नीरज (19), सुकेन (45), सुरेश (43), सुजीत सरकार (38) के तौर पर की गई है और ये सभी जहांगीरपुरी के रहने वाले हैं।

अंसार और असलम को भेजा गया न्यायिक हिरासत में दिल्ली की एक अदालत ने अंसार और असलम को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है जबकि बाकी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इससे पहले विशेष आयुक्त (कानून और व्यवस्था-जोन 1) दीपेंद्र पाठक ने कहा क‍ि अब तक चौदह व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है। सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज के आधार पर पहचान की आगे की प्रक्रिया की जा रही है। उन्होंने कहा क‍ि अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमने यहां अतिरिक्त बल तैनात किया है। हमने शांति समिति की बैठकें की हैं और क्षेत्रों के प्रमुख निवासियों के संपर्क में भी हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में शांति बनाए रखेंगे।

गोली लगने से घायल उप निरीक्षक की हालत स्थिर रंगनानी ने यह भी कहा कि झड़पों के दौरान आठ पुलिस कर्मियों और एक नागरिक सहित कुल नौ लोग घायल हुए और उनका बाबू जगजीवन राम मेमोरियल अस्पताल में इलाज चल रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि गोली लगने से घायल उप निरीक्षक अस्पताल में है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

विकासपुरी की शोभायात्रा ने बढ़ाई पुलिस की चिंता विशेष शाखा ने जिलों के पुलिस उपायुक्तों को सतर्क रहने के लिए कहा था और उन्हें इस तरह के जुलूसों के दौरान पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए कहा गया था। विवाद की सुबह जहांगीरपुरी इलाके में भारी पुलिस बल तैनात था, जहां झड़प हुई थी। फ्लैग मार्च किया गया जिसमें पैदल और मोटरसाइकिल पर गश्त शामिल थी। गतिविधियों पर नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया कि कोई अप्रिय घटना नहीं हो। पुलिस के अनुसार जुलूस के दौरान 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। लेकिन अब विकासपुरी की शोभायात्रा दिल्ली पुलिस की चिंता बढ़ा दी है।

सियासत तेज, राजठाकरे ने दी 3 मई की डेडलाइन उधर इस मुद्दे पर सियासत भी नहीं थम रही है। लाउडस्पीकर, रामनवमी और अब हनुमानजयंती पर फैली हिंसा पर नेताओं में बयान बाजी तेज होती दिख रही है। विशेष रूप से महाराष्ट्र के नेताओं में बयानबाजी तीखी होती जा रही है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को ‘अज़ान’ के लिए लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग फिर से दोहराई। इस दौरान उन्होंने कहा कि वो महाराष्ट्र में कोई दंगा नहीं चाहते हैं। मनसे प्रमुख ने स्पष्ट किया कि मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की उनकी मांग अजान के विरोध से नहीं जुड़ी है और कहा कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है।
राज ठाकरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते। नमाज अदा करने का किसी ने विरोध नहीं किया, लेकिन अगर आप (मुसलमान) नमाज लाउडस्पीकर पर करते हैं, तो हम भी इसके लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करेंगे।” राज ठाकरे ने कहा कि उन्हीं की भाषा में जवाब देने से ये समझेंगे।राज ठाकरे ने आगे कहा, “मुसलमानों को समझना चाहिए कि धर्म कानून से बड़ा नहीं है। 3 मई के बाद, मैं देखूंगा कि क्या करना है।” वहीं, इसपर मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने राज ठाकरे पर तंज कसा और कहा कि उनके बयान चुनाव तक आएंगे। सरकार ऐसी स्थिति को संभालने के लिए काम कर रही है। बता दें कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में महाराष्ट्र में शिवसेना-NCP-कांग्रेस सरकार को 3 मई से पहले मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का ‘अल्टीमेटम’ दिया था।

राज ठाकरे की दी हिंदू औवेसी की संज्ञा उधर एनसीपी नेता संजय राउत (Sanjay Rout) भी सांप्रदायिक हिंसा पर राज ठाकरे से लेकर पीएम मोदी को खुलकर निशाने पर ले रहे हैं। संजय राउत ने राज ठाकरे (Raj Thackeray) को हिंदू औवेसी की संज्ञा दी है।
संजय राउत से जब पूछा गया कि आपने राज ठाकरे को हिंदू ओवैसी कहा? तो उन्होंने कहा कि मैंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन यूपी चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने जो AIMIM के ओवैसी से काम कराया वही अब महाराष्ट्र में नए हिंदू ओवैसी से करवा रहे हैं। अपने बयान में संजय रावत ने कहा कि देश का माहौल जानबूझकर चुनाव जीतने के लिए जिस तरह से खराब किया जा रहा है, मुझे लगता है यह देश के लिए ठीक नहीं है। दिल्ली में कल हनुमान जयंती और रामनवमी पर हमला हुआ था इससे पहले यह कभी नहीं हुआ करता था।

शिवसेना के नेता संजय राउत ने दिल्ली हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, “देश की हालत और माहौल राजनीतिक फायदे के लिए खराब करने जा रहे हो। यह देश के लिए ठीक नहीं है। इससे पहले कभी भी राम नवमी और हनुमान जयंती के जुलूस पर हमला नहीं हुआ है। जुलूस निकालना लोगों का हक है। यह हमले प्रायोजित हैं। राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा किया जा रहा है।
राउत ने कहा कि रामनवमी के दिन जिन दस राज्यों में दंगे हुए, वहां जल्द ही विधानसभा चुनाव होनेवाले हैं। इनमें झारखंड, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। रामनवमी के उपलक्ष्य में शोभा यात्रा निकाली गई और उस पर दूसरे समूहों द्वारा पथराव किया गया। मुंबई के मानखुर्द इलाके में भी इस दौरान स्थिति तनावपूर्ण हो गई। राउत यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि, “जनता को भटकाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक नहीं चलेगा, राम मंदिर भी नहीं चलेगा। इस समय देश में शांति भंग करने का काम चल रहा है। कल महाराष्ट्र में भी शांति भंग करने की कोशिश की गई है। हालांकि महाराष्ट्र में ऐसा करने वालों को सफलता नहीं मिली।
इसके बाद संजय राउत ने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाए, उन्होंने कहा, “देश में माहौल बिगड़ रहा है. इस लेकर देश के 13 दलों ने चिंता जाहिर की है, लेकिन प्रधानंत्री इस पर मौन हैं। उन्होंने अभी तक इस पर कुछ भी नहीं कहा है। देश के प्रधानमंत्री को भी इस पर कुछ बोलना चाहिए। उन्हें लोगों के सामने आकर इस पर भी मन की बात बोलनी चाहिए।”

अचानक से देश में बढ़ी हैं हिंसा की घटनाएं देश में अचानक से सांप्रदायिक हिंसा (Communal Violence) की कई घटनाएं बढ़ गई हैं। शनिवार को ही देश के अलग-अलग हिस्सों हिंसा की घटनाएं हुईं। देश की राजधानी नई दिल्‍ली के जहांगीरपुरी (Jahangirpuri) इलाके में हनुमान जयंती (Hanumanr jayanti) के जुलूस के दौरान भीड़ की हिंसा के सिलसिले में अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। दो नागालिग भी ग‍ि‍रफ्तार हुए हैं। कर्नाटक के हुबली शहर में एक सोशल मीडिया पोस्ट पर सांप्रदायिक हिंसा के बाद धारा 144 लगा दी गई है। यहां 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए। आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड से भी हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान ह‍िंसा की घटनाएं हुईं। रामनवमी पर राजस्थान के करौली और मध्यप्रदेश के करौली में हिंसा की चिंताजनक घटनाएं देखने को मिली हैं।

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