Wheat Purchasing : Farmers set to sale wheat in Market, Not on MSP | Wheat Purchasing on MSP : राजस्थान में अब तक सिर्फ 74 किसानों ने बेचा सरकार को गेहूँ
महंगाई आम आदमी की कमाई पहले ही कम कर रही है। गेहूं की कीमतों में आ रहा उछाल आने वाले महीनों में मुश्किलें और बढ़ा सकता है। गेहूं की कीमतों में आ रही तेजी की एक बड़ी वजह रूस-यूक्रेन संकट के चलते ग्लोबल सप्लाई बाधित होना और इसके चलते भारत से एक्सपोर्ट डिमांड बढ़ना है। इससे खरीदारी सीजन में किसान मंडियो में ज्यादा भाव के चलते MSP पर हो रही सरकारी खरीद से दूसरी बना रहे हैं। गेहूं खरीद के शुरुआती करीब 30 दिनों तो गेहूं की सरकारी खरीद काफी घटी है। गेहूं के दाम आगे बढ़ना तय है।
जयपुर
Published: April 23, 2022 12:52:29 pm
हाइलाइट्स लक्ष्य का एक प्रतिशत भी नहीं हुई राजस्थान में गेहूं की खरीद
श्रीगंगानगर और कोटा के अलावा किसी और जिले में नहीं हो पा रही सरकारी खरीद
राजस्थान में 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का है लक्ष्य
पूरे देश में 444 टन है सरकार का एमएसपी पर गेहूं खरीद का लक्ष्य

गेहूं की कीमतों में आ रहा उछाल, आगे भी दाम बढ़ने के ही आसार
जयपुर। इस बार पूरे देश में गेहूं के बाजार भाव एमएसपी से अधिक बने हुए हैं, इस कारण किसान सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचने के लिए नहीं आ रहे। राजस्थान के खाद्य सचिव आशुतोष पेडनेकर ने बताया कि पूरे राजस्थान में हम 389 केंद्रों पर खरीद केंद्र खोल के तैयार बैठे हैं लेकिन अब तक मात्र 74 किसानों ने ही सरकार को अपने गेहूँ बेचे हैं। पेडनेकर ने बताया कि प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की खरीद सरकारी स्तर पर हो रही है लेकिन किसान मंडी नहीं पहुंच रहे। हालात यह हैं कि श्रीगंगानगर और कोटा के अलावा किसी और सरकारी केंद्र पर खरीद नहीं है। दरअसल, फिलहाल गेहूं के एमएसपी पर खरीद के दाम 2015 रुपए क्विंटल हैं और इसके बाजार भाव 2200 से 2500 रुपए क्विंटल के ऊपर बने हुए हैं। युद्ध के चलते इसके दाम आगे भी गिरने के आसार नहीं हैं। इसलिए किसान बाजार में अपना गेहूं बेचना चाहता है।
पूरे प्रदेश में हुई मात्र 693 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद राजस्थान के खाद्य सचिव आशुतोष पेडनेकर ने बताया कि अब तक पूरे प्रदेश में मात्र 693 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है और जबकि पिछली बार इस समय तक 3 लाख 93 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी थी। पेडनेकर ने बताया कि संख्या की बात करें तो अब तक राजस्थान में मात्र 74 किसान ही सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं लेकर पहुंचे हैं। जबकि पिछले साल लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या 2 लाख 27 हजार थे। राजस्थान में इस बार पंजीकरण कराने वाले किसानों की संख्या 12574 रही है।
उन्होंने बताया कि जो भी खरीद हो रही है वो श्रीगंगानगर और कोटा में हुई है। अब तक जो 693 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है, उसमें भी 686 मीट्रिक टन की खरीद तो श्रीगंगानगर में ही हुई है। जयपुर में तो कोई किसान सरकारी केंद्रों तक नहीं पहुंच रहा है। पेडनेकर ने बताया कि हमारा लक्ष्य कुल 23 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद है लेकिन इस बार तो टारगेट पूरा होना बहुत मुश्किल लग रहा है, जबकि पिछले साल 23 लाख 46 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हमने की थी। वहीं केंद्र के स्तर पर कुल गेहूं खरीद का लक्ष्य 444 लाख टन रखा गया है।
10 जून तक चलेगी गेहूं की खरीद राजस्थान में गेहूं की प्रभारी अधिकारी , उपार्जन, सुनीता शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कोटा संभाग में 15 मार्च 2022 से 10 जून तक और शेष प्रदेश में 1 अप्रैल से 10 जून 2022 तक संपूर्ण राजस्थान में गेहूं की खरीद जारी है। शर्मा ने बताया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 22 अप्रेल की शाम तक गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कम होने का कारण मार्केट रेट समर्थन मूल्य अधिक होना ही है। बाजार भाव 2200 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल तक बना हुआ है। इस कारण गत वर्ष की तुलना में मंडियों में गेहूं की आवक कम बनी हुई है। शर्मा ने बताया कि राजस्थान में एफसीआई, स्टेट खरीद एजेंसी ( राजफेड तिलम संघ) की ओर से गेहूं की खरीद की जाती है।
हल्की गुणवत्ता का गेहूं बिक रहा सस्ता श्रीगंगानगर के किसान श्रीपाल शर्मा ने बताया कि इस बार श्रीगंगानगर में भी बाजार भाव एमएसपी से ज्यादा है। इसलिए अधिक संभावना यही है कि श्रीगंगानगर में भी हल्की गुणवत्ता का गेहूँ ही सरकारी खरीद केंद्रों तक पहुंच पाया होगा। यह भी संभव है कि पंजाब के किसानों ने आकर श्रीगंगानगर में गेहूं बेचा हो।
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