Rajasthan Political Crisis : Meeting Of Congress leaders With CM Gehlot And Sachin Pilot | सियासी संकट के बीच गहलोत-पायलट के साथ नेताओं का जमघट
राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के चलते नोटिस झेलने वाले संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी, आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ भी खरगे को बधाई देने पहुंचे। वहीं, मंत्री बी.डी. कल्ला, प्रताप सिंह खाचरियावास, टीकाराम जूली, गोविंद मेघवाल, भंवर सिंह भाटी, ममता भूपेश, शकुंतला रावत, हज कमेटी अध्यक्ष अमीन कागजी, अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष रफीक खान, प्रदेश सचिव श्रवण पटेल, जियाउर रहमान समेत कई अन्य नेता भी कार्यक्रम में पहुंचे।
राहुल ही दे सकते हैं मोदी को चुनौती-गहलोत
खरगे के पदभार ग्रहण कार्यक्रम से पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने के लिए आखिरी मिनट तक प्रयास किया गया, क्योंकि राहुल गांधी ही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को चुनौती दे सकते हैं। यह राहुल गांधी की इच्छा थी कि कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष कोई गैर गांधी व्यक्ति ही बने। गहलोत ने खरगे को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुने जाने और उनकी जीत के लिए बधाई दी और कहा कि आज एक नई शुरुआत हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि खरगे पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करेंगे। ब्लाॅक, जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर नई टीम बनेगी। एक दलित नेता का पार्टी अध्यक्ष बनने से पार्टी को जरूर फायदा मिलेगा।
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सोनिया-राहुल हमारे नेता-सचिन
सचिन पायलट ने कहा कि खरगे का व्यापक अनुभव है। वह हमेशा कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहे हैं। उनके अध्यक्ष बनने से पार्टी ने नई शुरुआत की है। सोनिया गांधी व राहुल गांधी हमारे नेता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हिमाचल प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान समेत कई अन्य जगह विधानसभा चुनाव है। इसकी तैयारियों में हम जुट गए हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं, जिनका हम सब मिलकर मुकाबला करेंगे। पायलट ने कहा कि आज दिल्ली से यह संदेश गया है कि कांग्रेस ने वो काम किया है, जो किसी पार्टी ने नहीं किया। भाजपा में कब चुनाव होता है, कौन अध्यक्ष बन जाता है, किसी को पता तक नहीं चलता। इसके साथ ही उन्होंने खरगे के उदयपुर नवसंकल्प को लागू करने की घोषणा का स्वागत भी किया।
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तस्वीर कुछ कहती है…
देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल कांग्रेस में ऐसा लम्हा शायद इससे पहले कभी नहीं आया। मौका था कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यभार संभालने का। 24 बरस बाद कांग्रेस को गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष मिला और इस मौके के साक्षी कांग्रेस के दो पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी तो रहे ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मौजूद थे, जो यदि सब कुछ ठीक-ठाक रहता तो उसी कुर्सी पर बैठते जहां आज खरगे बैठे हैं। पार्टी के दिग्गजों के चेहरों को पढ़ने की कोशिश करें तो निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी रिलेक्स मूड में हैं, वहीं सोनिया की तरफ देख रहे राहुल गांधी शायद यही सोच रहे हैं क्या गांधी परिवार के बिना खरगे जी पार्टी में फिर से जान फूंक पाएंगे।

सबसे बड़ी बात यह कि कांग्रेस के ये चार नेता ही कुर्सी पर विराजमान थे, शेष खड़े ही रहे। सोनिया, राहुल और अशोक गहलोत के एक पंक्ति में खरगे के सामने बैठने के भी अपने-अपने तरीके से सियासी कयास लगाए जाने लगे हैं। खरगे ठीक एक माह पहले जयपुर से बैरंग लौट आए थे। विधायक दल की जो बैठक कांग्रेस आलाकमान ने बुलाई, उसके बहिष्कार को लेकर तीन नेताओं पर अनुशासन का डंडा भी पार्टी ने चलाया। गहलोत को जो अहमियत दी गई उससे यह भी सवाल उठने लगा है कि क्या प्रकरण का पटाक्षेप हो गया है। या फिर कुछ नया होने वाला है।