Operation Khushi gave happiness and tears welled up | ऑपरेशन खुशी ने दी खुशी तो छलक आए आंसू
सीलन भरे कमरे में बारह घंटे तक लगातार काम। ना सुबह नाश्ता और ना भरपेट भोजन। रात दिन चूड़ी बनाने में लगे 21 बच्चों को जब मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने पुलिस की टीमों के साथ छुड़वाया तो बच्चों के आंखों से आंसू बहने लगे।
जयपुर
Published: November 16, 2022 07:05:54 pm
सीलन भरे कमरे में बारह घंटे तक लगातार काम। ना सुबह नाश्ता और ना भरपेट भोजन। रात दिन चूड़ी बनाने में लगे 21 बच्चों को जब मानव तस्करी विरोधी यूनिट ने पुलिस की टीमों के साथ छुड़वाया तो बच्चों के आंखों से आंसू बहने लगे। अपने बेबसी बयां करते हुए बच्चों ने पुलिस को बताया तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई। बालकों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें उनके कारखाना मालिक बिहार और झारखण्ड से पढ़ाने लिखाने और काम सिखाने के बहाने से गांव में कुछ महीने पहले लेकर आए थे। यहां लाकर सुबह 8 बजे से उन्हें काम पर लगा दिया जाता था और रात 11 बजे तक उनसे काम करवाया जाता था। अगर जो बच्चे बालश्रम नहीं करते थे तो उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। पुलिस ने जब उन्हें छुड़वाया तो वह रोते हुए बोले कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी कि अब कभी मुक्त हो पाएंगे। दरअसल बिहार और झारखण्ड से माता पिता को लालच देकर बच्चों को काम सिखाने और पढ़ाने के नाम पर लाया जाता है और यहां चूड़ी कारखाने में उनसे काम करवाया जाता था। अब यह बच्चे जल्दी ही अपने घर लौट सकेंगे।
गौरतलब है कि पुलिस मुख्यालय की ओर से 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक ऑपरेशन खुशी पांच अभियान चलाया जा रहा हैं। जयपुर शहर को बालश्रम से मुक्त करवाने के लिए समय समय पर कार्रवाई की जाती है। इसी कड़ी के तहत मानव तस्करी विरोधी यूनिट जयपुर (उत्तर) वृत्त शास्त्री नगर के पुलिस थानों तथा गैर सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन की संयुक्त कार्रवाई में 21 बालश्रमिकों को मुक्त करवाया गया। पुलिस ने इस मामले में सात प्रकरण दर्ज कर 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया हैं।
डीसीपी (उत्तर) परिस देशमुख ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी भट्टा बस्ती निवासी मो.शम्स तरवेज, मो. फैयाज आलम, मो. अजहर, शाहिद अफरीदी, कालूराम और हाउसिग बोर्ड शास्त्री नगर निवासी मो. नोलेज आलम हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही हैं।

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