राजस्थान विधानसभा के सत्र में लाया जाएगा राइट टू हेल्थ बिल- चिकित्सा मंत्री
हाइलाइट्स
बिल में प्रावधान: मरीज- परिजन किसी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ दुर्व्यवहार नहीं करेंगे
बिल में इमरजेंसी में पूरे निशुल्क इलाज की व्याख्या न होने से निजी अस्पताल संचालकों को है आपत्ति
जयपुर. राज्य के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा (Health Minister Parsadilal Meena) ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप हर व्यक्ति को राइट टू हेल्थ बिल (Right to Health bill) विधानसभा से इसी सत्र में हर हाल में लाया जाएगा. इससे प्रदेश के सभी लोगों को स्वस्थ रहने सबंधी सभी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा. सभी अस्पतालों (Private Hospital) में निःशुल्क परामर्श, दवाइयां, जांच, आपातकालीन वाहन सुविधा, आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने का अधिकार होगा.
राज्य सराकर के दो दिवसीय चिंतन शिविर में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान चिकित्सा मंत्री मीणा और चिकित्सा शिक्षा के मुख्य सचिव टी.रविकांत विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दे रहे थे.
चिकित्सा मंत्री ने चिंतन शिविर में गिनाई उपलब्धियां
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में उन्होंने बताया कि पिछले चार साल में नवीन डेंटल कॉलेज, उच्च स्तरीय संस्थानों का निर्माण, नवीन चिकित्सालयों का निर्माण औरर कई चिकित्सालयों का क्रमोयन कराया गया है. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 2019 से पूर्व PHC 1891 थी, जो अब बढ़कर 2265 हो गई हैं. इसी प्रकार CHC 2019 से पूर्व 554 थीं, जो अब बढ़कर 760 हो गई हैं. उन्होंने बताया कि 4 साल में 4498 मेडिकल ऑफिसर की भर्ती की जा चुकी हैं. इसके अलावा 200 नए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है. चिकित्सा मंत्री ने साफ कहा कि राइट टू हेल्थ बिल भी इसी सत्र में पास हो जाएगा.
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राइट हेल्थ बिल को लेकर बनी विवाद की स्थिति
दरअसल, राइट टू हेल्थ बिल को लेकर एक बार फिर से विवाद की स्थिति बनती जा रही है. एक ओर सरकार इस बिल को पास कराने के अडिग है, दूसरी ओर निजी अस्पताल बिना आवश्यक संशोधन के इस बिल को मानने के मूड में नहीं है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि इस बिल से आम जन को बड़ी राहत मिलेगी. उन्हें इलाज के साथ-साथ अपने अधिकारों की भी जानकारी होगी. दूसरी ओर पीएचएनएस के सचिव डॉ.विजय कपूर के मुताबिक यह बिल न जनहित में है और न ही अस्पतालों के हित में है. इस बिल में इमरजेंसी में पूरे निशुल्क इलाज की व्याख्या नहीं है. इससे कोई भी व्यक्ति अपनी बीमारी को इमरजेंसी बताकर अस्पताल आ सकता है और निशुल्क इलाज ले सकता है.
लोगों के निजी अस्पतालों में मिलेगा सस्ता इलाज
स्वास्थ्य विभाग को पूरी उम्मीद है कि इसी सेशन में बिल पेश कर दिया जाए. इस बिल में रियायती दर पर स्थापित निजी अस्पतालों में रियायती दर की नियम/शर्तों के अनुसार इलाज का अधिकार होगा. सभी अस्पतालों को मरीज की सहमति लेनी होगी. राइट टू हेल्थ बिल के ड्राफ्ट में लोगों के कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं. मरीज और परिजन किसी भी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता के साथ दुर्व्यवहार नहीं करेंगे. किसी भी स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को शारीरिक हमले और उसकी सम्पत्ति को नुकसान करने से बचना होगा.
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Tags: Jaipur news
FIRST PUBLISHED : January 16, 2023, 15:05 IST