Rajasthan Biggest COVID Care Centre Beelwa – राजस्थान का सबसे बड़ा अस्थाई कोरोना केयर सेंटर मरीजों के लिए बना संजीवनी

राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के मामलों में अब धीरे-धीरे रिकॉर्ड कमी आ रही है।
जयपुर। राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर के मामलों में अब धीरे-धीरे रिकॉर्ड कमी आ रही है। इस बीच घनी हरियाली के बीच शांत माहौल में बना राजस्थान का सबसे बड़े बीलवा स्थित राधा स्वामी सत्संग परिसर में बना अस्थाई कोरोना केयर सेंटर मरीजों के लिए संजीवनी बना। यहां के अस्पताल से भी बेहतर अच्छे माहौल के बीच कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं।
मरीज भी इलाज, दवाइ सहित अन्य व्यवस्थाओं से पूरी तरह से संतुष्ट नजर आए। आठ वार्ड में 768 पलंगों का यह केयर सेंटर अब कोरोना संक्रमितों के घटते मामलोंं के बावजूद अब बंद नहीं किया जाएगा। ओपीडी शुरू हरेगी,पलंगों की संख्या, स्टाफ में कमी की है। जेडीए अधिकारियों की मानें तो पलंग से लेकर आक्सीजन कंसंट्रेटर सब सामान यहां स्टोर किया गया है ताकि आगमी दिनों में जैसे ही संक्रमितों की संख्या में इजाफा होता है तो कोरोना केयर सेंटर तुरंत शुरू कर दिया जाएगा।
सेवा का जज्जा रहा देखने लायक
परिसर में राधास्वामी सत्संग के सेवादारों ने रात दिन मरीजों के लिए भोजन तैयार किया। इससे पूर्व सभी व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया। सेवादार अलग—अलग प्रकार के पौष्टिक भोजन मरीजों और उनके परिजनों के लिए यहां खुद आकर तैयार करते। यहां के सात लाख वर्ग फुट एरिया में पांच हजार मरीजों के लिए अस्थाई कोरोना केयर सेंटर बनाने की कवायद की गई थी। चिकित्सा विभाग की ओर से कुल 48 चिकित्सक, 52 नर्स, 19 फॉर्मासिस्ट, 30 सिविल डिफेंस कार्मिक सहित अन्य स्टाफ ने मुस्तैदी के साथ कार्य किया।
ओपीडी रहेगी शुरू
कोरोना नोडल अधिकारी और जेडीसी गौरव गोयल ने बताया कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही पलंग खाली है। इसलिए यहां व्यवस्थाओं में बदलाव किया है। 50 के आसपास पलंग यहां मरीजों के लिए रहेंगे। सब मरीज घर जा चुके हैं, ओपीडी शुरू रहेगी। आगामी दिनों की स्थिति को पूरा आंकलन किया जाएगा, जरूरत पड़ने पर तुरंत सेंटर में पलंग सहित अन्य व्यवस्थाएं शुरू कर दी जाएगी। जेडीए के तहसीलदार नरेंद्र जैन ने बताया कि मरीजों को यहां बेहत से बेहतर सुविधाएं दी गई। कुल 1881 ओपीडी में आए 749 से आईपीडी में आ चुके थे। वर्तमान समय में तीन से चार लोग ओपीडी में आ रहे हैं। डायटीशियन की मदद से मरीजों को काढा, ड्रायफूटस, मुनक्का, मूंग, मोठ, चना, गेहूं के बजाय बेजड की रोटी, हल्दी का दूध, दाल, हरी सब्जियां, नींबू की चाय, दलिया आदि दिए गए। जैन ने बताया कि मरीजों को रोजाना योगा, मेडिटेशन करवाया। मरीजों और उनके परिजन आज भी योगा के वीडियो को वाटसएप पर साझा कर रहे हैं।